पोषक अनाजों की अहमियत को समझते हुए भारत सरकार ने खाद्य और कृषि संगठन के सामने एक प्रस्ताव रखा था। नतीजन पूरी दुनिया, वर्ष 2023 को, अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के रूप में मना रही है।भारत,दुनिया में पोषक अनाजों का सबसे बड़ा उत्पादनकर्ता है। साल 2020 में विश्व के कुल उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी करीब 41 फीसदी के आस–पास थी। पढ़िए इस लेख में पोषक अनाजों पर विस्तार से; प्राचीन...
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बजट में किए गए वादों की ज़मीनी हकीकत
कार्बनकॉपी, 8 फरवरी वित्त मंत्री ने बजट भाषण में भी पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन से जुड़ी कुछ घोषणाएं कीं। इनमें से कुछ ऐसी योजनाओं के बारे में थीं जिनमें पिछले साल और उसके पहले के बजट भाषणों में किए गए वादे और निर्धारित लक्ष्य अभी तक पूरे नहीं हो पाए हैं। प्राकृतिक खेती वित्त मंत्री ने घोषणा की कि अगले तीन वर्षों में सरकार एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए...
More »आवरण कथा: राशन से वंचित हैं 15 करोड़ लोग, क्या है सरकार की मंशा
डाउन टू अर्थ, 19 जनवरी देश की राजधानी से लगभग 1,200 किलोमीटर दूर झारखंड के एक गांव में रह रही अनार देवी के एक-एक शब्द पर गौर कीजिए, “मेरे पांच बेटे हैं। सब एक-एक करके बाहर शहरों में चले गए। गांव में रह कर करते भी क्या? भूखे मर जाते! इसलिए उनके जाने का दुख नहीं होता। वे अपने बच्चों को शहरों में किसी तरह पाल रहे हैं और हम यहां...
More »क्यों बढ़ गईं हैं जीरा की कीमतें, क्या जीरा किसानों को हो रहा है इससे फायदा?
गाँव कनेक्शन, 11 जनवरी प्रदीप खोजा बचपन से अपने पुश्तैनी खेत में जीरे की खेती में लगने वाली मेहनत को देखते हुए बड़े हुए हैं। उनके दादा ने जीरे की खेती करने की शुरूआत की थी। फिर उनके पिता ने इसे अपना लिया। और अब खोजा ने भी अपने खेतों में जीरे की फसल उगाने का विकल्प चुना है। आज वह 36 साल के हैं और मेहनत करने से उन्हें कोई...
More »पाताल के पानी का भरपूर दोहन कर रहे हैं हरियाणा, पंजाब और राजस्थान
भारत में बारिश के साथ आने वाली खरीफ की सीजन खत्म हो गई है। सर्द हवाओं ने रबी की सीजन का इस्तक़बाल कर दिया है। किसानों ने मोटर–पंपों के माध्यम से पानी को पाताल से खींचना शुरू कर दिया है। नलकूपों में चल रही मशीनों के लिए बिजली सरकार ने भेजी है। यानी राजा और प्रजा दोनों की इच्छा है कि पाताल से पानी खींच कर खेतों में छोड़ा जाए। इसी...
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