मुरादाबाद के कुदंरकी गांव की रहने वाली इल्मा का बचपन खेत-खलिहान में अठखेलियां करते बीता। पापा किसान थे,मगर तालीम को लेकर बड़े संजीदा रहे। बेटी-बेटे में कोई फर्क नहीं किया। नन्ही इल्मा को किताबों से बड़ा प्यार था। स्कूल से लौटने के बाद खुद ही पढ़ने बैठ जाती। पापा को बेटी से स्कूल के किस्से सुनना बड़ा पंसद था। हर साल फसल बेचने के बाद वह सबसे पहले बेटी...
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ग्राउंड रिपोर्ट: सूखे बिहार में इस बार का छठ “पर्व” जैसा नहीं है, क्यों?
'नहाय-खाय' के साथ रविवार से छठ का पर्व शुरू हो चुका है. छठ की परंपरा के अनुसार 'नहाय-खाय' के दिन से ही व्रत करने वाले चार दिनों का अनुष्ठान शुरू करते हैं. व्रत करने वाले इस दिन जहां संभव होता है गंगा या किसी नदी के जल से या फिर जहां इंतजाम होता है वहां कुंआ अथवा पोखरे के जल से नहाने के बाद लौकी (कद्दु)-चने की दाल की सब्जी और...
More »बजट 2018: घट गया पिछले साल के मुकाबले खेती-किसानी और ग्रामीण विकास का बजट
वित्तमंत्री का बजट भाषण पूरा हुआ, इस भाषण में खेती-किसानी का जिक्र कितना था ? तकरीबन बारह हजार (11,937) शब्दों के बजट-भाषण में खेती-किसानी पर लगभग सवा दो हजार (2,256) शब्द ! मतलब पूरे भाषण का पांचवां हिस्सा देश के ग्रामीण विकास के नाम! पूरे भाषण में 27 दफे ‘किसान' (Farmer) शब्द आया और 16 दफे किसानी (Agriculture) का जिक्र. हालांकि ‘किसान-आत्महत्या' या ‘ग्रामीण-संकट' जैसा कोई शब्द बजट-भाषण में नहीं था तो भी...
More »दुनिया से जुड़ने का हमारा अधिकार -- हरजिंदर
मान लीजिए, आपकी तबीयत खराब है और आप डॉक्टर के पास जाने के लिए टैक्सी बुलाते हैं। टैक्सी वाला बताता है कि अगर आप फलां डॉक्टर के पास जाते हैं, तो आपको टैक्सी का इतना किराया देना पड़ेगा और अगर दूसरे के पास जाते हैं, तो किराया कुछ ज्यादा लगेगा। उसकी लिस्ट में एक ऐसे डॉक्टर का नाम भी है, जिसके पास अगर आप जाएं, तो वह आपको मुफ्त...
More »स्वच्छ वातावरण का सपना--- विवेक कुमार बडोला
दुनिया में जैसे-जैसे पर्यावरण संकट बढ़ रहा है वैसे-वैसे पर्यावरण के प्रति गंभीर मानवीय चिंता और चिंतन का अभाव भी हो रहा है। सरकारी संस्थाएं और गैर-सरकारी संगठन आधिकारिक रूप से इस संबंध में भले समय-समय पर चिंता प्रकट कर रहे हैं, पर आम लोग अपने स्तर पर पर्यावरण सुरक्षा का उत्तरदायित्व लेने को अब भी तैयार नहीं। अभी कुछ दिन पहले न्यूजीलैंड और भारत स्थित न्यायालयों ने नदियों को जीवित...
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