डाउन टू अर्थ, 02 मई पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और तेलंगाना सहित भारत के विभिन्न हिस्सों में हाल ही में हुई बेमौसम बारिश और अगले कुछ दिनों में और अधिक बारिश के पूर्वानुमान ने किसानों को अपनी तैयार फसलों के बारे में बेहद चिंता में डाल दिया है। इन दिनों जहां एक ओर रबी की फसल काटी जा रही है, वहीं जो किसान फसल काट चुके हैं,...
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गेहूं खरीद में सरकार को संकट से पंजाब और हरियाणा ने ही उबारा, कुल खरीद 250 लाख टन तक पहुंचने की संभावना
रूरल वॉयस, 01 मई पिछले साल की मुश्किल स्थिति के बाद सरकार को गेहूं के मोर्चे पर इस साल राहत मिलती दिख रही है। अभी तक सरकारी खरीद का ट्रेंड देखें तो चालू रबी मार्केटिंग सीजन (2023-24) में गेहूं की सरकारी खरीद 250 लाख टन से अधिक रहने का अनुमान है। 28 अप्रैल तक गेहूं की सरकारी खरीद 213.10 लाख टन पर पहुंच गई थी। पिछले साल (2022-23) गेहूं की कुल...
More »गेहूं की सरकारी खरीद ने पकड़ी रफ्तार, चालू रबी सीजन में 150 लाख टन के पार पहुंची
रूरल वॅाइस, 25 अप्रैल चालू रबी मार्केटिंग सीजन (2023-24) में गेहूं की सरकारी खरीद 150 लाख टन को पार कर चुकी है। रूरल वॉयस को मिली जानकारी के मुताबिक, 22 अप्रैल, 2023 तक 149.75 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हो चुकी थी। राज्यों के ताजा आंकड़े जोड़ने पर गेहूं की सरकारी खरीद 150 लाख टन को पार कर गई है। केंद्रीय खाद्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल 22...
More »पंजाब, हरियाणा कर रहे गेहूं के वैल्यू कट की भरपाई तो दूसरे राज्य क्यों नहीं
रूरल वॉइस, 19 अप्रैल मार्च के दूसरे पखवाड़े में गेहूं उत्पादक कई राज्यों में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से फसल को काफी नुकसान पहुंचा है और गुणवत्ता भी प्रभावित हुई है। किसानों को नुकसान से बचाने के लिए मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान ने केंद्र सरकार से खरीद मानकों में छूट देने की मांग की थी जिसे केंद्र ने मंजूर कर लिया। मगर केंद्र ने सरकारी खरीद में...
More »पोषक अनाजों की खेती:- वर्तमान और भविष्य
पोषक अनाजों की अहमियत को समझते हुए भारत सरकार ने खाद्य और कृषि संगठन के सामने एक प्रस्ताव रखा था। नतीजन पूरी दुनिया, वर्ष 2023 को, अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के रूप में मना रही है।भारत,दुनिया में पोषक अनाजों का सबसे बड़ा उत्पादनकर्ता है। साल 2020 में विश्व के कुल उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी करीब 41 फीसदी के आस–पास थी। पढ़िए इस लेख में पोषक अनाजों पर विस्तार से; प्राचीन...
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