-बीबीसी, सफ़ूरा ज़रगर को भारत की राजधानी दिल्ली में जिस समय गिरफ़्तार किया गया, वो तीन महीने से अधिक की गर्भवती थीं. उन्हें विवादित नागरिता संशोधन क़ानून के विरोध में हो रहे एक प्रदर्शन में शामिल होने के कारण गिरफ़्तार किया गया था. यह 10 अप्रैल की तारीख़ थी और यह वो वक़्त था जब कोविड-19 महामारी ने भारत में अपनी जड़ें जमानी शुरू की थीं. सरकार ने अपने ख़ुद के दिशा-निर्देश में...
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कश्मीरी पुलिस अधिकारी दविंदर सिंह के टेरर लिंक पर एनएसए अजीत डोभाल से कुछ सवाल
इस बात में कोई शक नहीं है कि जम्मू कश्मीर पुलिस के डीएसपी दविंदर सिंह का श्रीनगर-जम्मू हाईवे पर दिल्ली के रास्ते में दो संदिग्ध आतंकियों के साथ गिरफ्तार होना बीते कुछ समय में हुई राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी बड़ी घटनाओं में से एक है. और मुझे यकीन है कि अजीत डोभाल, ऐसे व्यक्ति होने के बतौर, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में प्रधानमंत्री को सलाह देते हैं, बीते कुछ...
More »अंतहीन अत्याचार का वह काला दौर - ए. सूर्यप्रकाश
जून का महीना झुलसाती गर्मी के साथ इतिहास की कुछ दर्दनाक यादों को भी दोहराता है। 1975 में 25 जून को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश पर निरंकुश आपातकाल थोपा था। इसके साथ ही जीवंत लोकतंत्र पर तानाशाही हावी हो गई थी। इस तानाशाही ने न केवल नागरिकों के मूल अधिकार निलंबित किए, बल्कि उन्हें जीवन के अधिकार से भी वंचित किया। यदि हम अपने लोकतांत्रिक जीवन को सुरक्षित रखना...
More »अभियुक्तों की पैरवी नहीं, अदालत की मदद करेंगे न्यायमित्र
नई दिल्ली। निर्भया कांड के नाम से चर्चित वसंतकुंज सामूहिक दुष्कर्म कांड में फांसी की सजा पाए अभियुक्तों की आपत्ति पर सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि कोर्ट द्वारा नियुक्त न्यायमित्र हटेंगे नहीं। कोर्ट ने कहा है कि न्यायमित्र किसी अभियुक्त की पैरवी नहीं करेंगे बल्कि मामले की सुनवाई में कोर्ट की मदद करेंगे। ये आदेश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने मामले में दोषी दो अभियुक्तों...
More »उजले दौर की 'स्याह' सच्चाइयां - कमलेंद्र कंवर
सवाल केवल कानून-व्यवस्था के उल्लंघन का नहीं। सवाल नस्लवाद और रंगभेद के घृणित आरोप का है। सवाल कूटनीतिक संबंधों का है। और सवाल देश की अंतरराष्ट्रीय छवि का भी है। दिल्ली के वसंतकुंज इलाके में पिछले शुक्रवार को अफ्रीकी छात्र मसोंदा कितादा ओलिवर की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। हत्या का कारण इतना मामूली कि सुनने वालों को विश्वास तक ना आए। तीन गुंडा तत्व उसी ऑटोरिक्शा पर सवार...
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