जन स्वास्थ्य' का विषय राज्य सूची के अंतर्गत आता है. लेकिन भारत में लोक कल्याणकारी सरकार की अवधारणा है. इसलिए केंद्र सरकार द्वारा भी जन स्वास्थ्य को वरीयता दी जाती है. नतीजन सन् 2008 में "जन औषधि केंद्र" को शुरू किया जाता है. जहां सस्ते दामों पर सामान्य दवाइयां मिल सकें. 7 मार्च, 2022 को जन औषधि दिवस के उपलक्ष में एक कार्यक्रम होता है. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जन औषधि...
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दवाओं की कमी से जूझती वाराणसी की कुपोषित मुसहर महिलाएं
-इंडियास्पेंड, वाराणसी जिले के बड़ागांव ब्लॉक में हमीरपुर गांव की रहने वाली शांति बनवासी अपने पति अर्जुन बनवासी (28 ) और दो छोटे बच्चों के साथ रहती हैं। शांति कुपोषण और एनीमिया ग्रस्त हैं और 22 वर्ष की आयु में ही दो बच्चों की माँ बन चुकी हैं। शांति के पति अर्जुन मजदूरी करते हैं और अभी काम पर गए हैं। दोपहर के 2:00 बज रहे हैं और शांति के पेट में...
More »आवरण कथा: कोविड-19 वैक्सीन पर नियंत्रण की लड़ाई
-डाउन टू अर्थ, कोविड-19 महामारी के दौर में जोनस साल्क की याद पोलियो टीके को विकसित करने और उसका पेटेंट न करने वाले साल्क का दर्शन आज के दवा शोधकर्ताओं के लिए अभिशाप है एक थे जोनस साल्क। कुछ लोगों को बताने की जरूरत है कि वह कौन थे। साल्क एक वायरोलॉजिस्ट थे जिन्होंने 1955 आए पोलियो के टीके को सफलतापूर्वक विकसित किया था। यह वह समय था जब पोलियो दुनियाभर की स्वास्थ्य...
More »वैक्सीन पॉलिसी : वो पाँच सवाल, जिनके जवाब मोदी सरकार से मिलना अब भी बाक़ी है
-बीबीसी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को भारत की वैक्सीनेशन पॉलिसी में एक बार फिर बदलाव किया. मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 21 जून से शुरू होने वाली नई वैक्सीनेशन प्रक्रिया के लिए गाइडलाइन भी जारी कर दी. नई गाइडलाइन के मुताबिक़ : •अब 75 फ़ीसदी टीका केंद्र सरकार ख़रीदेगी और 25 फ़ीसदी प्राइवेट अस्पताल ख़रीद सकेंगे. •राज्यों को टीका जनसंख्या, मरीज़, और टीकाकरण की रफ़्तार के आधार पर दिया जाएगा. वैक्सीन की...
More »कोविड: सरकारी वादों के बावजूद निकट भविष्य में वैक्सीन की किल्लत का समाधान नज़र नहीं आता
-द वायर, अपनी गफलत भरी वैक्सीन नीति के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अभी और अंतरराष्ट्रीय शर्मिंदगी उठानी पड़ सकती है. देश के 29 राज्यों को अलग-अलग वैश्विक वैक्सीन निर्माताओं से सीधे वैक्सीन खरीदने की इजाजत देने का उनका फैसला- जिसे ज्यादातर लोगों द्वारा अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने के तौर पर देखा जा रहा है- भारत में उल्टा पड़ने वाला है. फाइजर, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन जैसी वैश्विक कंपनियों की भारतीय...
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