शिमला, 7 अप्रैल (निस) हिमाचल प्रदेश की राजधानी एवं पर्यटन नगरी शिमला में पेयजल संकट ने प्रदेश की वीरभद्र सिंह सरकार को चिंता में डाल दिया है। शिमला को पेयजल आपूर्ति करने वाले अधिकांश पेयजल स्रोतों के दूषित हो जाने और इनका पानी पीने योग्य न रहने के चलते अब सरकार को शिमला शहर के लिए स्वच्छ पानी उपलब्ध करवाने की चुनौती लगातार बढ़ती जा रही है। इसी के चलते मुख्यमंत्री...
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भारत में विकसित नयी वैक्सीन की दुनियाभर में सराहना..
रोटावायरस डायरिया भारत सहित कई देशों में नवजात शिशुओं और बच्चों की मौत का एक प्रमुख कारण है. भारत में हर साल करीब नौ लाख बच्चों को इसके कारण अस्पतालों में भर्ती करना पड़ता है, जिनमें से 80 हजार से एक लाख बच्चों की मृत्यु हो जाती है. लेकिन, इससे बचाव की विदेशी दवाएं इतनी महंगी थीं कि हर किसी के लिए उसका सेवन करना आसान न था....
More »शहर के बड़े स्कूलों में नहीं मिला साफ पेयजल - संजीव वर्मा
गाजियाबाद। शहर के चुनिंदा स्कूलों से लिए गए पेयजल के नमूने फेल हो गए हैं। स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की संयुक्त टीम ने 16 अप्रैल को ट्रांस हिंडन विभिन्न स्थानों तथा स्कूल-कॉलेजों में पानी के नमूने लिए थे। नमूनों की जांच की तो उसमें क्लोरिनेशन शून्य पाया गया। सभी संस्थाओं को पानी में क्लोरिनेशन कराने की हिदायत दी गई है। मार्च से लेकर अब तक संयुक्त...
More »न पाठशाला, न स्वच्छ पानी, ये है मजदूरों की कहानी
राजेश छौंकर, नूंह : मई दिवस को मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाता है। अपनी मागों को लेकर आए दिन प्रदर्शन करते मजदूरों की स्थिति मेवात में अच्छी नहीं कही जा सकती। इनके लिए न स्वच्छ पानी की व्यवस्था है न ही इनके बच्चों के लिए पाठाशाला की। नहीं है शौचालय व पेयजल व्यवस्था मेवात में 90 फीसदी भट्ठों पर मजदूरों के लिए शौचालय आदि की व्यवस्था नहीं है। इससे महिलाओं को...
More »जानते हैं ‘जहरीला’ है लेकिन पीना मजबूरी
शिमला. संजौली के साथ लगते चलौंठी के करीब 2 हजार लोग जानते हुए भी ‘जहरीला’ पानी पी रहे हैं। यहां तीसरे दिन पानी की सप्लाई मिल रही है। लिहाजा लोगों को दूषित बावड़ी का पानी इस्तेमाल करना पड़ रहा है। जिला स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम ने बावड़ी में बोर्ड भी लगा रखा है कि यहां का पानी पीने योग्य नहीं है, लेकिन लोगों के पास इस बावड़ी के अलावा कोई...
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