अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान (आईएफपीआरआई) की एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि 25 मार्च, 2020 को किए गए देशव्यापी लॉकडाउन, जिसे लगभग दो महीने के लिए चरणों में बढ़ाया गया था, ने भारतीय आबादी के कमजोर वर्गों के भोजन और पोषण की स्थिति को प्रभावित किया. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मिड-डे मील योजना जैसे कार्यक्रम से देश के प्राथमिक-विद्यालय आयु वर्ग के 80 प्रतिशत...
More »SEARCH RESULT
कोरोना संकट के दौरान बच्चों के पोषण को आश्वस्त करने में मिड-डे मील स्कीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है
स्कूल में दिया जाने वाला भोजन दुनिया भर में लाखों कमजोर बच्चों के लिए पोषण सुनिश्चित करता है. दुनिया भर में लगभग 37 करोड़ बच्चे स्कूल फीडिंग प्रोग्रामों का हिस्सा हैं. जबकि COVID-19 महामारी से पहले भारत में दोपहर में मिलने वाले मिड डे मील से 10 करोड़ स्कूली बच्चे लाभान्वित हुए थे, ब्राज़ील (4.8 करोड़), चीन (4.4 करोड़), दक्षिण अफ्रीका (90 लाख) और नाइजीरिया (90 लाख) जैसे देशों में...
More »देश की खेती-किसानी के बारे में अशोक गुलाटी जैसे अर्थशास्त्रियों को बहुत कुछ जानना बाकी है
-द प्रिंट, खेती-बाड़ी का जो अर्थशास्त्र है उसे क्या देश के किसान, अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी से बेहतर जानते-समझते हैं ? बात आपको अटपटी लगेगी और हास्यास्पद भी लेकिन इस प्रश्न का उत्तर है- हां! प्रोफेसर अशोक गुलाटी भारत के अग्रणी कृषि-अर्थशास्त्री हैं. वे उन विद्वानों में हैं जिनका लिखा मैं गौर से पढ़ता हूं, अक्सर सलाह-मशविरा करता हूं और जिनके लिए मेरे मन में सम्मान का भाव है. प्रोफेसर गुलाटी किसानों के...
More »लॉकडाउन ने हाशिए पर रह रहे लोगों को बिल्कुल साधनहीन बना दिया है
हाल ही में किया गया सर्वेक्षण COVID-19 लॉकडाउन की घोषणा के लगभग 45 दिनों के बाद श्रमिकों की अनिश्चित स्थितियों का खुलासा करता है. इस सर्वे में दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, असम, राजस्थान और झारखंड राज्यों के 1,405 प्रवासियों से टेलीफोनिक साक्षात्कार के माध्यम से बातचीत कर अनिश्चित स्थितियों का आकलन किया गया था. ‘लेबरिंग लाइव्स: हंगर, प्रीकरिटी एंड डेसपेयर एमिड लॉकडाउन’ नामक इस रिपोर्ट में लॉकडाउन के 45 दिन...
More »लॉकडाउन से रोजगार खतरे में!
अज़ीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी (APU) के विभाग ‘सेंटर फॉर सस्टेनेबल एंप्लॉयमेंट’ द्वारा जारी अध्ययन के प्रारंभिक परिणामों से संकेत मिलता है कि लॉकडाउन का कामकाजी लोगों की आजीविका पर बहुत बुरे प्रभाव पड़े हैं. हाल ही में सेंटर फॉर सस्टेनेबल एंप्लॉयमेंट ने सिविल सोसाइटी संगठनों के साथ मिलकर देश भर में यह सर्वेक्षण किया जा रहा है. आजीविका पर प्रभाव 13 अप्रैल, 2020 और 9 मई, 2020 के बीच टेलीफोनिक साक्षात्कार के माध्यम...
More »