-सत्याग्रह, लगभग साढ़े चार अरब साल पुरानी हमारी धरती ने पिछले 54 करोड़ सालों के दौरान सामूहिक विलुप्ति के पांच दौर देखे हैं. वैज्ञानिक कहते हैं कि ऐसे हर दौर में पृथ्वी से 50 फीसदी से ज्यादा प्रजातियों का सफाया हो गया. इस तरह की पांचवीं घटना करीब साढ़े छह करोड़ साल पहले तब हुई थी जब दूसरे कई जीवों के साथ डायनासोर भी गायब हो गए थे. वैज्ञानिकों का एक...
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न्यूयॉर्क टाइम्स: भारत में कोरोना के गंभीर मरीजों की संख्या एक करोड़ होने की आशंका
-मीडियाविजिल, न्यूयॉर्क टाइम्स (nytimes.com) में 27 मार्च को अपलोड किए गए एक आलेख में कहा गया है कि अनियंत्रित हाईपरटेंशन और डायबिटीज के शिकार लोगों के लिए कोविड-19 खतरनाक है. भारत में कोविड-19 को बुजुर्गों के लिए तो खतरा बताया गया है पर डायबिटीज और हाइपरटेंशन वालों के लिए भी खतरा है, यह नई बात है. वैसे ऐसी बीमारी के शिकार लोग जानते हैं कि उनके लिए कुछ भी खतरनाक है...
More »विदेशी मीडिया-भारत में ‘लॉकडाउन’ ग़रीबों को भूखे मरने का आदेश है
-मीडियाविजिल, कोरोना वायरस से बचाव के लिए भारत में घोषित किए गए 21 दिन के लॉक डाउन को न्यूयॉर्क टाइम्स डॉट कॉम (nytimes.com) “भूखे मरने का आदेश” कहा है जबकि अलजजीरा डॉट कॉम (aljazeera.com) ने कहा है कि इसका नुकसान प्रवासी मजदूरों को होगा। इन सबसे ऊपर सीएनएन (cnn.com) का सवाल है कि क्या भारत 21 दिन के लॉक डाउन के लिए तैयार है। इनमें अलजजीरा की खबर सबसे पुरानी यानी...
More »प्रदूषण की राजधानी-- शशिशेखर
इस साल की शुरुआत में जब फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युअल मैक्रॉन बीजिंग पहुंचे, तो साफ नीला आसमान देखकर उनके मुंह से बेसाख्ता निकल पड़ा- मैंने ऐसा खूबसूरत बीजिंग पहले कभी नहीं देखा था। मैक्रॉन सही कह रहे थे। दस साल पहले इस शहर की आबोहवा इतनी खराब थी कि सूरज सिर्फ एक धुंधले पिंड के तौर पर दिखाई पड़ता था। याद आया, 2008 में जब मैं पहली बार बीजिंग...
More »फायदे और नुकसान का गोरखधंधा-- आशुतोष चतुर्वेदी
हम भारतीयों की एक दिक्कत है कि हम अपने सदियों पुराने ज्ञान पर भरोसा करने के बजाय पश्चिम के लोगों की बातों पर अधिक यकीन करते हैं. पश्चिम ने फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल शुरू किया, तो हमने अपनी जैविक खाद का तिरस्कार कर उसे अपना लिया. जल्द ही पश्चिमी देशों को रासायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल से सेहत पर खतरा नजर आने लगा. इनके अंधाधुंध...
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