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त्योहारी सीजन के दौरान भी व्यक्तिगत ऋणों में दिखे गिरावट के रूझान

इस साल धनतेरस और दिवाली से ठीक पहले, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपने मासिक बुलेटिन का नवंबर संस्करण जारी किया. नवीनतम आरबीआई मंथली बुलेटिन में बताया गया है कि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की तुलना में वित्तीय वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही (यानी जुलाई-सितंबर, 2020) में जीडीपी में -8.6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है. यह गौरतलब है कि भारत की...

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हाल-फिलहाल में जारी हुई अधिकांश रिपोर्टें बता रही हैं कि अर्थव्यवस्था का पहिया थमने वाला है!

अंतरराष्ट्रीय थिंक टैंक, आधिकारिक एजेंसियों और निजी संस्थाओं द्वारा जारी की गईं अधिकांश रिपोर्टें और अध्ययन कोरोनवायरस महामारी से अर्थव्यवस्था और समाज पर पड़ने वाले प्रलयकारी प्रभावों की तरफ इशारा करते हैं. उनका अनुमान है कि दुनिया भर के विभिन्न देशों द्वारा COVID -19 (यानी सोशल डिस्टेंसिंग और क्वॉरंटीन) को कम करने के लिए लगाए गए लॉकडाउन आर्थिक क्षेत्रों से संबंधित आर्थिक विकास को प्रभावित करेंगे और अधिकांश क्षेत्रों में...

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यस बैंक पर आरबीआई ने लगाई लगाम, ग्राहकों को 50,000 रु. तक निकासी की अनुमति के बाद मची अफरा-तफरी

-द प्रिंट हिंदी, नकदी संकट से जूझ रहे निजी क्षेत्र के यस बैंक पर रोक लगाते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने उसके निदेशक मंडल को भंग कर दिया है. इसके अलावा बैंक के जमाकर्ताओं के लिए 50,000 रुपये की निकासी की सीमा तय की है. बैंक के लिए एक प्रशासक की भी नियुक्ति की गई है. रिजर्व बैंक ने सरकार के साथ विचार विमर्श के बाद जमाकर्ताओं के हितों के संरक्षण के...

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सामाजिक असमानताओं के कुचक्र में फंसा 'डिजीटल इंडिया' का सपना

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) की एक हालिया रिपोर्ट डिजिटल डिवाइड और भारत के कैशलेस अर्थव्यवस्था बनने के विरोधाभास को उजागर करती है. नेशनल सैंपल सर्वे (एनएसएस) की ‘भारत में शिक्षा पर घरेलू सामाजिक उपभोग के प्रमुख संकेतक, जुलाई 2017 से जून 2018' नामक रिपोर्ट में कंप्यूटर और इंटरनेट की उपयोगिता के मामले में ग्रामीण-शहरी विभाजन काफी स्पष्ट दिखता है. शिक्षा पर 75वें दौर के नेशनल सैंपल सर्वे (एनएसएस) की...

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फ्रॉड के चलते 2017-18 में बैंकों को 41,167 करोड़ रुपये का नुकसान: रिज़र्व बैंक

नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी किए गए एक रिपोर्ट के मुताबिक 2017-18 में धोखाधड़ी (फ्रॉड) करने वालों ने बैंकिंग प्रणाली से 41,167.7 करोड़ रुपये लूटे हैं. पिछले साल (2016-17) 23,933 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी हुई थी. इसकी तुलना में इस साल धोखाधड़ी वाली राशि 72 प्रतिशत अधिक है. रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल बैंक धोखाधड़ी के 5076 मामले सामने आए थे. इसके मुकाबले 2017-18 में 5,917...

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