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उत्तरकाशी हादसा: हिमालय की ‘अस्थिर’ पहाड़ियों में बदलना होगा सुरंग बनाने का तरीका

कार्बनकॉपी, 24 नवम्बर  उत्तरकाशी के बड़कोट-सिल्कियारा सुरंग के भीतर फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने की जद्दोजहद का यह दसवां दिन है। 21 नवंबर को फंसे मज़दूरों का पहला वीडियो जारी किया गया था, और रुका हुआ बचाव कार्य फिर शुरू किया गया था। ताजा रिपोर्ट के अनुसार, मज़दूरों तक पहुंचने के लिए ड्रिलिंग फिर से शुरू की जा चुकी है। मंगलवार को जारी किया गया वीडियो फंसे हुए मज़दूरों के परिजनों...

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कानपुर: स‍िमट रहा चमड़ा कारोबार, न‍िर्यात में ग‍िरावट, रोजगार पर संकट

इंडियास्पेंड, 16 नवम्बर  “घर चलाना मुश्‍किल हो गया है। महीने में 12-13 द‍िन ही काम म‍िलता है। एक समय था जब महीने भर टेनर‍ियां चलती थी। लेकिन प‍िछले एक-दो सालों में काफी कुछ बदल गया। बराबर काम ना म‍िलने की वजह से बच्‍चों की पढ़ाई रुक गई। सरकार की भी तरफ से कोई मदद नही म‍िल रही। मालिक से पूछो तो वे कहते हैं क‍ि जब टेनरी चलेगी ही नहीं तो...

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पढ़ाई के साथ हुनर भी सीखते हैं आदिवासी बच्चे

बाबा मायाराम मध्यप्रदेश के अलीराजपुर जिले के ककराना गांव में ऐसा आवासीय स्कूल है, जहां न केवल पलायन करनेवाले आदिवासी मजदूरों के बच्चे पढ़ते हैं बल्कि हुनर भी सीखते हैं। यहां उनकी पढ़ाई भिलाली, हिन्दी और अंग्रेजी भाषा में होती है। वे यहां खेती-किसानी से लेकर कढ़ाई, बुनाई, बागवानी और मोबाइल पर वीडियो बनाना सीखते हैं। अब इस स्कूल का एक भील वॉयस नामक यू ट्यूब चैनल भी चल रहा है। पश्चिमी...

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पीएलएफएस रिपोर्ट: देश में घट रही है बेरोजगारी !

इस लेख में राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय की ओर से जारी की जाने वाली आवधिक श्रमबल सर्वेक्षण रिपोर्ट (2022–23) का विश्लेषण किया है। यह रिपोर्ट देश में रोजगार और श्रम बाजार की वस्तुस्थिति का आधिकारिक दस्तावेज है। रिपोर्ट का कहना है कि रोजगार की सूरत–ए–हाल में सुधार आ रहा है। क्या वाकई बेरोजगारी घट रही है ?  गौरतलब है कि इस सर्वेक्षण में मुख्यतः तीन तरह के आँकड़ों को दर्ज किया जाता है।...

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चाय बागान की महिला मजदूरों के लिए सर्पदंश बड़ा खतरा, हर साल होती हैं कई मौत

मोंगाबे हिंदी, 9 अक्टूबर पाही भूमिज उस दिन को याद करके कांप उठती हैं। वह कहती हैं कि मौत से बच निकलने के लिए वह ऊपर वाले की शुक्रगुजार है। भूमिज असम के शिवसागर जिले के एक गांव में रहती हैं। इस साल पांच मई को वह अपने गांव से सटे एक चाय बागान में काम करने गई। 16 साल की भूमिज को चाय के पत्ते तोड़ने के लिए अस्थायी रूप से...

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