-बीबीसी, ''पानी की बहुत परेशानी है हमें. चार किलोमीटर दूर से पानी लाते हैं. पानी की परेशानी इतनी है, पूरे गांव भर को परेशानी है. हमें ही नहीं पूरे गांव को है. यहां हमें पानी की सुविधा हो जाए तो क्यों भागे भागे जाएं रोड पार करके. कभी रात को जाएं कभी आधी रात को जाएं, क्या करें दिनभर भरते रहें.'' उत्तर प्रदेश के ललितपुर ज़िले की रहने वाली सुखवती ये कहते...
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कोविड-19 किसानों की मुसीबत एवं सरकारी राहत
-वाटर पोर्टल, देशभर में कोविड-19 महामारी तेजी से फैल रही है । अब कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही हैं । इस संक्रमण का असर देश के किसानों और फसलों पर हो रहा हैं इस वक्त ज्यादतर हिस्सों में फसल पककर तैयार हो चुकी हैं और कटने को तैयार हैं । हालांकि, संक्रमण के डर और लॉकडाउन के चलते किसानों को अपनी फसल काटने में अनेक समस्याएं...
More »कोविड-19: लॉकडाउन ने बिगाड़ी ग्रामीण भारत की दशा
-डाउन टू अर्थ, एक महीना पहले तक धनीराम साहू को नहीं पता था कि वायरस या सोशल डिस्टेंसिंग किस बला का नाम है। साहू छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के शंकरदह में रहते हैं। वह कहते हैं, “अब हर कोई कोरोनावायरस और इससे खुद को महफूज रखने की बात करता दिख रहा है।” दुनियाभर के तमाम विज्ञानियों और एपिडेमियोलॉजिस्ट की तरह साहू को भी इस वायरस के बारे में बहुत जानकारी नहीं...
More »कोरोना लाॅकडाउन: बुंदेलखंड वापस आए मजदूरों की चिंता, अब घर कैसे चलेगा
-गांव कनेक्शन, कोरोना वायरस की वजह से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूरे देश को लाॅकडाॅउन की घोषणा कर दी। प्रवासी दिहाड़ी मजदूर भी परेशान हो गए, ये वो मजदूर हैं जो कई साल पहले काम की तलाश में गांव-घर छोड़कर शहर चले गए थे। लेकिन लॉकडाउन के बाद भूखे-प्यासे कई सौ किमी पैदल ही चल घर वापस लौटने लगे। रामकली सहरिया (40 वर्ष) अपने पति और लड़के के साथ गाँव से 690...
More »फ़सल कटाई पर लॉकडाउन! किसान भूख से मरे या करोना से!
-मीडियाविजिल, महोबा के गांव पराखेरा के अच्छेलाल ने हर साल की तरह इस बार भी अपने खेत में गेहूं और मसूर की फसल बोई थी. इस बार फसल अच्छी होने से उम्मीद थी कि मुनाफा ज्यादा होगा. अब हालात ये हैं कि साल भर की जरूरत का अनाज भी मिल पाएगा, कहना मुश्किल है. वे बताते हैं कि आधे से ज्यादा फसलें बारिश की वजह से खराब हो गईं और बची-खुची...
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