SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 11

यूपी में माॅब लिंचिंग के आधे मामले गोरक्षा से जुड़े

लखनऊ: बढ़ती माॅब लिंचिंग की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए यूपी लाॅ कमीशन की ओर से योगी सरकार को 128 पन्नों की रिपोर्ट सौंपी है. इस रिपोर्ट में राज्य में पिछलेदिनों हुए मॉब लिंचिंग के विभिन्न मामलों का उल्लेख किया गया है और 2018 में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर कानून को तत्काल लागू करने की अनुशंसा की गई है. जिसमें ऐसी घटनाओं को अंजाम...

More »

लातेहार मॉब लिंचिंग: परिजनों ने कहा, दोषियों को सज़ा होने के बाद भी मिल रहीं धमकियां

नई दिल्ली : झारखंड के लातेहार जिले के बालूमाथ में 17 मार्च, 2016 को दो पशु व्यापारियों की भीड़ ने पीट-पीट कर हत्या कर दी थी. मज़लूम अंसारी (32) और इम्तियाज़ ख़ान (13) की हत्या कर उनके शवों को पेड़ पर लटका दिया गया था. उनके परिवारों का कहना है कि सभी दोषियों को उम्रकैद की सजा होने के बावजूद उन्हें धमकियां मिल रही हैं. उन्होंने बुधवार को राज्य सरकार से...

More »

आमजन सिर्फ भीड़ न बने-- विजय कुमार चौधरी

पिछले दिनों उच्चतम न्यायालय द्वारा ‘मॉब लिंचिंग' (भीड़-हिंसा) का गंभीरता से संज्ञान लेते हुए इसे रोकने हेतु सख्त कार्रवाई के निर्देश दिये गये हैं. न्यायालय ने स्पष्ट कहा कि केंद्र सरकार को इसके लिए अलग से कानून बनाना चाहिए और राज्य सरकारों को भी इसे नियंत्रित करने के उपाय करने चाहिए, क्योंकि विधि-व्यवस्था की मौलिक जिम्मेदारी राज्य सरकारों की होती है. भीड़-हिंसा धीरे-धीरे खतरनाक रूप ले चुकी है और समय...

More »

आक्रोश जरूरी है पर भीड़ की हिंसा शर्मनाक- कैलाश सत्यार्थी

देश में बच्चा चोरी के नाम पर मॉब लिंचिंग यानी उन्मादी भीड़ द्वारा निर्दोषों की हत्याएं लगातार बढ़ रही हैं। पिछले करीब डेढ़ महीने में त्रिपुरा, असम, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, तेलंगाना और कर्नाटक में ऐसी 20 हत्याएं हो चुकी हैं। सिर्फ हत्यारी भीड़ को ही नहीं, बल्कि इलाके के आम लोगों को शक था कि बच्चा चोर किडनियां बेचने, वेश्यावृत्ति कराने और शहरों में भीख मंगवाने के लिए...

More »

क्या न्यायपालिका ही अंतिम आसरा है-- शशिशेखर

गुजरे हफ्ते जब सुप्रीम कोर्ट हुक्मरानों को लताड़ रहा था- आप भीड़ को इंसाफ करने का हक नहीं दे सकते, भीड़ की हिंसा रोकने के लिए कानून बनाइए और ऐसे मामलों से सख्ती से निपटिए, तो माननीय न्यायमूर्तिगण को मालूम न था कि सैकड़ों किलोमीटर दूर एक गुमनाम से शहर पाकुड़ में दूसरी पटकथा रची जा रही है। कुछ घंटे बाद हमने टीवी के परदे पर 78 साल के...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close