डाउन टू अर्थ,2 मार्च सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में नियमों का पालन करने वाले सभी ईंट भट्ठों को 1 मार्च से काम शुरू करने की हरी झंडी दे दी है। यह आदेश 27 फरवरी, 2023 को दिया गया है। गौरतलब है कि एनसीआर ईंट भट्ठा एसोसिएशन के वकील ने कोर्ट में प्रस्तुत किया था कि संबंधित राज्यों में ईंट भट्ठे हर साल 1 मार्च से काम करना शुरू कर...
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दुनिया में मलेरिया कितना बड़ा खतरा है ?
सन् 1799 की बात है। चौथे आंग्ल–मैसूर युद्ध में ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना ने टीपू सुल्तान को हरा दिया। हार के बाद राजधानी श्रीरंगापट्टनम पर विलायती सेना का कब्जा हो गया, सैनिक श्रीरंगापट्टनम के किले में बस गए। लेकिन कुछ वक्त बाद वहां पर सिपाही बीमार पड़ने लगते हैं। बीमारी के डर से राजधानी को बैंगलोर ले जाया जाता है फिर भी बीमारी पीछा नहीं छोड़ती है। बीमारी का...
More »क्यों की जा रही है गधों की हत्या, कितने जरूरी हैं हमारे लिए गधे
डाउन टू अर्थ, 30 दिसंबर हर शाम मोहम्मद इकबाल अपने गधे को पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर ले जाते हैं ताकि रेलवे ट्रैक की मरम्मत में इस्तेमाल होने वाली बजरी और रेत को ले जाने के लिए उसका प्रयोग हो सके। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के शाहदरा जिले के निवासी इकबाल कुछ इसी तरह के काम के लिए ही अपने गधे को निर्माण स्थलों पर भी ले जाते हैं। वह कहते हैं,...
More »पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में 30% की गिरावट, लेकिन ये आंकड़े कितने विश्वसनीय?
इंडियास्पेंड, 13 दिसंबर पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) ने 5 दिसंबर 2022 को बताया कि इस पिछले साल की तुलना में इस मौसम में (15 सितंबर से 30 नवंबर तक) पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में 30% जबकि हरियाणा में 48% की गिरावट दर्ज की गई है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि अकेले सैटेलाइट (उपग्रह) के आंकड़ों के आधार पर इस गिरावट को पूरी तरह से सही...
More »कम पराली जलाने की घटनाओं और बारिश ने दिया साथ, दिल्ली-NCR 8 साल बाद सबसे कम प्रदूषित
दिप्रिंट, 13 दिसंबर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर क्षेत्रों में इस साल अक्टूबर और नवंबर महीने में प्रदूषण का स्तर पिछले आठ साल के मुकाबले कम रहा है. हालांकि, दिसंबर के महीने में हर साल प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है लेकिन इस बार बेहतर हवा की उम्मीद की जा सकती है. सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) के एक हालिया विश्लेषण में कहा है कि अभी तक इस क्षेत्र में...
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