कार्बनकॉपी, 01 अगस्त हमारी जलवायु सूर्य, पृथ्वी और महासागरों, हवा, बारिश और बर्फ, तापमान, आर्द्रता, वायुमंडलीय दबाव, समुद्र के तापमान, आदि से जुड़ी हुई प्रणाली है। इसमें विशेष रूप से औसत वायुमंडलीय तापमान में वृद्धि , दुनिया के किसी हिस्से में बारिश के पैटर्न में आया दीर्घकालिक बदलाव और मौसम यानी सर्दी/ गर्मी के ग्राफ में असामान्य परिवर्तन ही सरल शब्दों में जलवायु परिवर्तन है। उदाहरण के लिए, प्रशांत सागर का...
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खबरदार
खास बात • गंगोत्री ग्लेशियर सालाना ३० मीटर की गति से सिकुड़ रहा है।* • अगर समुद्रतल की ऊंचाई एक मीटर बढ़ती है तो भारत में ७० लाख लोग विस्थापित होंगे।* • पिछले बीस सालों में ग्रीनहाऊस गैसों के उत्सर्जन में सर्वाधिक बढ़ोत्तरी जिवाश्म ईंधन के दहन से हुई है।* • मानवीय क्रियाकलापों के कारण ग्लोबल ग्रीन हाऊस गैस के उत्सर्जन में लगातार बढोत्तरी हो रही है। अगर औद्योगीकरण के पहले के समय से तुलना करें तो मानवीय क्रियाकलापों...
More »पृथ्वी पर इंसानों की सिर्फ एक ही आवश्यक भूमिका है- वह है एक नम्र दृष्टिकोण की
-न्यूजक्लिक, हम जिस ग्रह पर रहते हैं, मैं आपको उसे देखने के एक वैकल्पिक तरीके से परिचित कराना चाहता हूँ। हम इसे पृथ्वी ग्रह कहते हैं, लेकिन वास्तविकता में इसे महासागर ग्रह कहा जाना चाहिए। इस ग्रह पर जीवन को संभव बनाये रखने के लिए जो तत्व बेहद महत्वपूर्ण है, वह है पानी। यह पानी का ग्रह है। हमें सिखाया गया है कि महासागर समुद्र से बनता है। हालाँकि, महासागर इससे...
More »कोई भी जगह नहीं बची जहां माइक्रोप्लास्टिक न मिला हो: अध्ययन
-डाउन टू अर्थ, वायुमंडलीय माइक्रोप्लास्टिक प्रदूषण के उभरते खतरे ने उन क्षेत्रों का अध्ययन करने के लिए प्रेरित किया है जिन्हें पहले प्लास्टिक की पहुंच से बाहर माना जाता था। दुनिया भर में इस समस्या की सीमा को समझने के लिए वायुमंडलीय माइक्रोप्लास्टिक की सीमा की जांच करना महत्वपूर्ण है। अब एक नए अध्ययन में पता चला है कि दुनिया भर में माउंट एवरेस्ट से लेकर मारियाना ट्रेंच तक हर जगह माइक्रोप्लास्टिक...
More »सर्दियों में कोहरा और वायु प्रदूषण: केवल दिल्ली-एनसीआर की समस्या नहीं रहा: सीएसई
-डाउन टू अर्थ, ठंड के समय में धुंध (कोहरा) के साथ में गंभीर वायु प्रदूषण एक ऐसी समस्या है जिसे आमतौर पर दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र से जोड़ कर देखा जाता है लेकिन सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) के एक नवीनतम विश्लेषण में पाया गया है कि जब सर्दियों के दौरान प्रदूषण बढ़ता है तो यह पूरे उत्तर भारत में धुंध छाने जैसी घटनाएं देखने को मिलती हैं। इस संबंध में सीएसई की...
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