SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 42

कोरोना वायरस के बारे में कितना जानते हैं आप और क्या जानना है जरूरी!

-गांव कनेक्शन, नोवेल कोरोना वायरस के बारे में कई तरह की बातें सोशल मीडिया, वाट्सऐप और इंटरनेट के माध्यम से फैल रही हैं। इनमें से कुछ सही हैं, तो बहुत-सी बातें बिल्कुल निराधार हैं। ऐसे समय में जब कोरोना वायरस महामारी बनकर दुनियाभर में हजारों लोगों की जान ले चुका है, तो इससे जुड़े कुछ अनिवार्य पहलुओं के बारे में जानना जरूरी है। संक्रमण: वायरस गले और फेफड़ों में उपकला (epithelial) कोशिकाओं को...

More »

मोबाइल ऐप के ज़रिये आईटी फर्म ने आंध्र प्रदेश के मतदाताओं का डाटा हासिल किया: तेलंगाना पुलिस

हैदराबाद/अमरावती: मोबाइल ऐप के ज़रिये आंध्र प्रदेश में मतदाताओं के डाटा की चोरी की आरोपी शहर की एक आईटी कंपनी आईटी ग्रिड्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने आधार और सरकारी योजनाओं समेत अन्य चीज़ों से संबंधित लोगों की निजी और संवेदनशील सूचनाओं तक ‘अवैध' पहुंच हासिल की. तेलंगाना की साइबराबाद पुलिस आयुक्त वीसी सज्जनार ने बीते सोमवार को यह बात कही. प्रारंभिक जांच के निष्कर्षों का उल्लेख करते हुए उन्होंने यह भी...

More »

विद्रोह की जमीन पर एक गांधीवादी- रामचंद्र गुहा

भारत के तीन ही राज्य हैं, जहां मेरा आज तक जाना नहीं हुआ। नगालैंड इनमें से एक है। अगली फरवरी में एक सामाजिक कार्यकर्ता नटवर ठक्कर के निमंत्रण पर वहां जाने का कार्यक्रम बना था, जिनके साथ पत्राचार तो काफी रहा, लेकिन मुलाकात कभी नहीं हुई। 1932 में पश्चिमी भारत में जन्मे नटवर भाई प्रख्यात गांधीवादी और देशभक्त काका साहब कालेलकर के संपर्क में आए और युवावस्था में ही अपना...

More »

हमारा समय, शिक्षा और भाषा-- परिचय दास

जिस देश में प्राथमिक शिक्षा ही सामान्य जन के लिए कठिन हो, वहां उच्च शिक्षा विशिष्ट मामला है. शिक्षा हमारे सर्वांगीण विकास का हेतु है. शिक्षा में ऐसी गुंजाइश होनी चाहिए कि व्यक्ति का सामाजिक व सांस्कृतिक जुड़ाव बेहद सक्रिय हो. वह समाज का टापू न लगे. यदि टापू भी हो तो सृजनशीलता का मन लिये हो, जिसमें कॉमन मैन भी बसा हो! मानविकी के विषयों में संवेदन, तर्कशक्ति, प्रेक्षण,...

More »

जरूरी है भाषाओं का संरक्षण-- वरुण गांधी

पेरू में अमेजन घाटी में तौशीरो भाषा बोलनेवाला सिर्फ एक शख्स बचा है. इसी इलाके में रेजिगारो भाषा भी ऐसे ही अंजाम की ओर बढ़ रही है. पिछली दो सदियों में अंग्रेजी का जिन इलाकों में भी विस्तार हुआ, स्थानीय भाषाओं का सफाया हो गया. दो सदियों के दौरान ऑस्ट्रेलिया में 100 स्थानीय भाषाएं खत्म हो गयीं. भारत में भी यही कहानी दोहरायी जा रही है. 1961 की जनगणना में...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close