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‘सरकार ने आशा कार्यकर्ताओं को मरने के लिए छोड़ दिया है, क्या वे देश की नागरिक नहीं हैं’

-द वायर, देश में कोरोना महामारी के जोखिम के बीच शहरों से लेकर दूरदराज के गांवों तक घर-घर जाकर आंकड़े जुटाने का काम कर रहीं मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता यानी आशा कार्यकर्ताओं ने सरकार की भेदभावकारी नीतियों के खिलाफ बिगुल बजा दिया है. सरकारी नीतियों से खफा इन आशा कार्यकर्ताओं ने अपनी कुछ मांगों के साथ बीते नौ अगस्त को दिल्ली के जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन भी किया था, जिसके...

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फैक्ट चैक : कोरोनावायरस लॉकडाउन में मोदी सरकार के दस बड़े झूठ

-कारवां, 24 मार्च को जब केंद्र सरकार ने नोवेल कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की तो सरकार के प्रतिनिधियों और मंत्रियों ने अपनी राजनीति को सही ठहराने और आलोचना से पल्ला छुड़ाने के लिए जनता के बीच लगातार आधी-अधूरी और झूठी बातें प्रचारित की. अधिकारियों ने जो दावे किए उनमें से कई जमीनी रिपोर्टों से मेल नहीं खाते. देश के कई हिस्सों में भूख और भुखमरी...

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लॉकडाउन के बाद पटना के शहरी गरीबों की स्थिति पर रिपोर्ट साझा करने तथा स्लमों में राहत कार्य करने लिए इजाजत देने और सहयोग करने के संबंध में

-भोजन का अधिकार अभियान बिहार, सेवा में,                माननीय मुख्यमंत्री,                बिहार सरकार, पटना, बिहार विषय :   लॉकडाउन के बाद पटना के शहरी गरीबों की स्थिति पर रिपोर्ट साझा करने तथा स्लमों में राहत कार्य करने लिए इजाजत देने और सहयोग करने के संबंध में। महाशय, देश और राज्यों में COVID-19 के खतरे को देखते हुये सरकार द्वारा लॉकडाउन का ऐलान किया गया...

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मातृ मृत्यु को कम करने का लक्ष्य अभी दूर है

 भारत में मातृ मृत्यु को कम करने का लक्ष्य अब भी बहुत दूर है। उच्च मातृ मृत्यु अनुपात महिलाओं की खराब प्रसव स्वास्थ्य सुविधाओं के अलावा समाज में उनकी भयावह स्थिति को भी दर्शाता है। सैम्पल रजिस्ट्रेशन सिस्टम के ताजा जारी आंकडे बताते हैं कि मातृ मृत्यु अनुपात में तेजी से गिरावट आई है। मातृ मृत्यु अनुपात जहां साल 1997-98 में 398.0 था, वहीं वर्ष 2015-17 में ये आंकड़ा 122.0...

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कठोरतम कानून न्याय का पर्याय नहीं--- निशा नाग

कठुआ और उन्नाव की बलात्कार की घटनाओं को लेकर फैले जन-आक्रोश के बीच ऐसे मामलों में फांसी की सजा दिए जाने की मांग को एक लोकप्रिय मांग बना दिया गया। इस दबाव का नतीजा यह हुआ कि बारह वर्ष से कम उम्र के बच्चियों के साथ बलात्कार पर फांसी के प्रावधान वाला अध्यादेश केंद्र सरकार ने जारी कर दिया। यह अध्यादेश राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद लागू हो चुका है।...

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