पिछले दिनों उच्चतम न्यायालय द्वारा ‘मॉब लिंचिंग' (भीड़-हिंसा) का गंभीरता से संज्ञान लेते हुए इसे रोकने हेतु सख्त कार्रवाई के निर्देश दिये गये हैं. न्यायालय ने स्पष्ट कहा कि केंद्र सरकार को इसके लिए अलग से कानून बनाना चाहिए और राज्य सरकारों को भी इसे नियंत्रित करने के उपाय करने चाहिए, क्योंकि विधि-व्यवस्था की मौलिक जिम्मेदारी राज्य सरकारों की होती है. भीड़-हिंसा धीरे-धीरे खतरनाक रूप ले चुकी है और समय...
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रोजगार की आस में युवा-- विश्वनाथ सचदेव
राजस्थान विधानसभा सचिवालय में चपरासी के 17 पदों के लिए 12,500 लोगों द्वारा आवेदन भेजना महत्वपूर्ण समाचार है. लेकिन, इसकी गंभीरता और बढ़ जाती है, जब यह पता चलता है कि चपरासी बनने के लिए कतार में खड़े उम्मीदवारों में 129 इंजीनियर हैं, 23 वकील हैं, एक चार्टर्ड एकाउंटेट हैं, 393 स्नातकोत्तर हैं और 1,500 से अधिक स्नातक हैं. जबकि इस पद के लिए मात्र पांचवीं पास होना पर्याप्त...
More »जुगाड़ की मानसिकता और दुर्घटना-- रघु दयाल
शनिवार को मुजफ्फरनगर के खतौली में हुए रेल हादसे से कई सवाल निकलते हैं। यह ट्रेन पटरी से क्यों उतरी? क्या इस हादसे से बचा जा सकता था? यदि जरूरी परिचलान प्रक्रिया का पालन किया जाता, तो वाकई इस हादसे को टाला जा सकता था। शुरुआती तथ्य इसी ओर इशारा कर रहे हैं कि ज्वॉइंट पर फिश प्लेट टूटी हुई थीं और मरम्मत करने वाले इंजीनियरों ने 20 मिनट के...
More »ठंड और कोहरे से बिहार-यूपी में 24 लोगों की मौत, 31 अन्य घायल
नयी दिल्ली : उत्तर भारत में बढ़ती ठंड और घने कोहरे के कारण हुए हादसे में बुधवार की सुबह अकेले बिहार और उत्तर प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर करीब 30 लोगों की मौत हो गयी, जबकि कोहरे के कारण हुए सड़क दुर्घटनाओं में 26 से अधिक गंभीर रूप से घायल हो गये हैं. बिहार के औरंगाबाद और छपरा में बुधवार को घने कोहरे के बीच हुए सड़क हादसों में राष्ट्रीय...
More »कैसे रुकेंगे सड़क हादसे- रमेश सर्राफ धमोरा
ऐसा कोई दिन नहीं गुजरता जिस दिन देश के किसी भी भाग में सड़क हादसा न हो और कुछ लोगों को जान से हाथ न धोना पड़े। अमूमन सड़क दुर्घटनाओं का शिकार होने वाले आम जन होते हैं। इसलिए वे अखबारों की सुर्खियां नहीं बन पाते, जिससे उन दुर्घटनाओं पर लोगों का ध्यान भी नहीं जाता है। आंकड़ों के मुताबिक हमारे देश में हर मिनट में एक सड़क दुर्घटना होती...
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