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पहले भी हो चुका है गरीब सवर्णों के लिए आरक्षण का प्रयास, लेकिन विफल रहा

स्वतंत्रता के बाद संविधान निर्माताओं ने अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लिए शिक्षा व सरकारी नौकरियों में आरक्षण की व्यवस्था की। साथ ही शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों को भी आरक्षण का लाभ दिया गया। संविधान में सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए ही आरक्षण का प्रावधान है। आर्थिक आधार पर आरक्षण के प्रयास पहले भी किए गए, लेकिन वे विफल होते रहे हैं। जानिए- पहले विफल रहे...

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उत्तर प्रदेश: हिरासत में दलित की मौत..

अमरोहा: उत्तर प्रदेश के अमरोहा में पुलिस हिरासत में दलित युवक बालकिशन जाटव उर्फ बाली की मौत के मामले में हत्यारोपित पुलिसकर्मियों की तत्काल गिरफ्तारी और पीड़ित परिवार को लखनऊ के विवेक तिवारी हत्याकांड की तर्ज पर मुआवजा राशि व सरकारी नौकरी की मांग को लेकर दलित संगठनों ने शनिवार को महापंचायत की. इससे पहले शुक्रवार को अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग की टीम की सदस्य साध्वी गीता से बालकिशन की पत्नी कुंती...

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दक्षिण ने इस साल नई करवट ली -- एस श्रीनिवास

जब 2018 अपनी ढलान की ओर था, तभी सबरीमाला मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया। यह फैसला सभी उम्र की औरतों को भगवान अयप्पा की पूजा करने का अधिकार देता है और धार्मिक मामलों के सामूहिक प्रबंधन पर पूजा-अर्चना की व्यक्तिगत स्वतंत्रता, गरिमा और समानता के सांविधानिक अधिकारों की रक्षा करता है। अयप्पा मंदिर प्रबंधन 10 से 50 साल की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत नहीं देता,...

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नस्लवाद और गांधी का नजरिया- रामचंद्र गुहा

क्या मोहनदास करमचंद गांधी नस्लवादी थे? यह सवाल घाना में गांधी की प्रतिमा हटाने के कारण एक बार फिर से सुर्खियों में है। जिस याचिका के बाद मूर्ति हटाई गई, उसमें गांधी के कई बयानों का जिक्र किया गया था। हालांकि गांधी के ये बयान खासतौर से दक्षिण अफ्रीका में उनके शुरुआती दिनों के हैं। एक वयस्क परिपक्व गांधी अफ्रीका और अफ्रीकियों के संदर्भ में, नस्ल और नस्लवाद के बारे...

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कमार आदिवासियों की देसी खेती-- बाबा मायाराम

छत्तीसगढ़ के राजिम-नवापारा में मुझे कुछ समय पहले जाने का मौका मिला। वहां सामाजिक कार्यकर्ता रामगुलाम सिन्हा रहते हैं। उन्होंने मुझे उनकी प्रेरक संस्था के काम को देखने के लिए बुलाया था। वे गरियाबंद के कमार आदिवासियों के बीच में लम्बे समय से काम कर रहे हैं।   कमार, आदिम जनजातियों में एक हैं। जो अब भी उनकी पारंपरिक जीवनशैली के करीब हैं और निर्धन हैं। यह आदिवासी गरियाबंद, छुरा और...

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