अपने पिछले लेख में मैंने लोकतंत्र के दुरुपयोग और उसके बिगड़ते स्वरूप का उल्लेख किया था. यह भी जिक्र किया था कि कैसे राजनीतिक दल लोकतंत्र के नाम पर अनाचार में संलिप्त रहते हैं. उसी कड़ी में आज जिक्र एक ऐसे मुद्दे का, जिसने न केवल लोकतंत्र को कमजोर किया है, बल्कि हमारी खुद्दारी और स्वाभिमान पर भी गहरी चोट की है. बात है उस खैरात की, जिसे हर राजनीतिक...
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कैसे रुके शिशु मृत्यु दर-- रमेश सर्राफ धमोरा
किसी भी समाज की खुशहाली का अनुमान उसके बच्चों और माताओं को देख कर लगाया जा सकता है। पर जिस समाज में हर साल तीन लाख बच्चे एक दिन भी जिंदा नहीं रह पाते और करीब सवा लाख माताएं हर साल प्रसव के दौरान मर जाती हैं, उस समाज की दशा का अंदाजा लगाया जा सकता है। जब देश में आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं की कोई कमी नहीं है, तब ऐसा...
More »प्रदूषण की भेंट चढ़ता जीवन-- पीयूष द्विवेद्वी
सर्वोच्च न्यायालय ने देश की राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर एक बार फिर सरकार से जवाब तलब किया है। न्यायालय ने अपनी टिप्पणी में कहा है कि दिल्ली में प्रतिदिन औसतन आठ लोग वायु प्रदूषण जनित बीमारियों से मरते हैं। इसके अलावा न्यायालय ने दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश व राजस्थान के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों तथा सरकारों से भी प्रदूषण की रोकथाम को लेकर पूर्ण कार्य-योजना पेश करने को...
More »एक नागरिक की जवाबदेही-- रबिभूषण
एक कथन है- 'एक नागरिक की जवाबदेही यही होती है कि जो कुछ भी उसके आस-पास गलत हो रहा है, वह उस पर लोकतांत्रिक ढंग से अपना हस्तक्षेप दर्ज करे.' यह कथन प्रमुख सामाजिक, मानवाधिकार कार्यकर्ता बेला भाटिया का है, जो उन्होंने कुछ दिन पहले एक साक्षात्कार में कहा है. वर्ष 2005 से बस्तर अधिक अशांत है. इसी वर्ष छत्तीसगढ़ सरकार ने कई उद्योगपतियों-कॉरपोरेटरों के साथ एमओयू साइन किया था....
More »ब्रिटेन और भारत की स्वास्थ्य सेवाएं-- आकार पटेल
यह आलेख मैं अपने टूट हुए पैर के साथ इंगलैंड के हर्टफोर्डशायर से लिख रहा हूं. मैं उस समय गेंदबाजी कर रहा था, जब मेरा बायां पैर भीतर की ओर मुड़ गया और मैं गिर पड़ा. नतीजा, मेरा टखना टूट गया. गिरने के बाद मुझे पता चला गया था कि मेरी समस्या गंभीर है. हालांकि, अपने मन को मनाने के लिए मैंने यह सोचना शुरू कर दिया कि मुझे...
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