बिगाड़ना बड़ा आसान है, बनाना बहुत मुश्किल. इसी तरह रोजगार मिटाना बहुत आसान है, जबकि रोजगार बनाना बहुत मुश्किल. अगर ऐसा न होता, तो हर साल दो करोड़ नये रोजगार पैदा करने का वादा करनेवाली मोदी सरकार अपने आधे कार्यकाल तक कम-से-कम पांच करोड़ रोजगार तो पैदा ही कर चुकी होती. लेकिन, सरकार का श्रम ब्यूरो बताता है कि देश में रोजगार देनेवाले आठ प्रमुख उद्योग क्षेत्रों में अप्रैल से...
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स्टार्ट अप के घोड़ों की बाधा-दौड़-- आर सुकुमार
यूनिकॉर्न के साथ मुश्किल यह है कि उनका कोई अस्तित्व नहीं होता। इनकी बस कल्पना की जा सकती है। अगर आप भी घोड़े की शक्ल और दोनों कानों के बीच माथे पर सींग निकले इस काल्पनिक जानवर को लेकर बुनी गई बेहतरीन कहानी पढ़ना चाहते हैं, तो मैं पीटर बीगल का उपन्यास द लास्ट यूनिकॉर्न पढ़ने की सलाह दूंगा। यह उन परेशानियों पर तत्काल रोशनी डालता है, जिनसे असली यूनिकॉर्न...
More »चंद्रशेखरन की सफलता के मायने-- आर. सुकुमार
तकनीकी शिक्षा के मामले में 1980 के दशक का तमिलनाडु अगुवा था। भले ही पठन-पाठन के संदर्भ में वह उतना न हो, मगर माहौल और परिस्थिति के संदर्भ में जरूर था। उस दशक में राज्य सरकार ने निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों को मंजूरी दी थी। हालांकि ऐसा करने वाला एकमात्र राज्य तमिलनाडु नहीं था। लगभग उसी समय कर्नाटक, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश ने भी अपने दरवाजे निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिए...
More »डिजिटल भुगतान की समस्याएं-- विभाष
बड़े नोटों के विमुद्रीकरण के पश्चात और नये नोटों की आपूर्ति में आ रही समस्याओं के कारण डिजिटल भुगतान में एकाएक बढ़ोतरी हुई है. डिजिटल भुगतान को कानूनी जामा पहनाने तथा इसे सुगम और सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से संसद द्वारा पेमेंट एंड सेटलमेंट एक्ट-2007 पारित किया गया है. इस अधिनियम में प्रदत्त अधिकारों के तहत भारतीय रिजर्व बैंक समय-समय पर बैंकों और अन्य रेगुलेटेड एंटिटीज के लिए दिशानिर्देश जारी...
More »कपास की खेती का नया बिजनेस मॉडल
भारत में अभी भी 90 फीसदी कपास की खेती पारंपरिक ढंग से होती है और खेती में जेनेटिकली मोडिफाइड सीड का उपयोग होता है. एक अमेरिकी कंपनी की मदद से भारत में ऑर्गेनिक कॉटन की खेती की जा रही है. ऑर्गेनिक कॉटन से बने कपड़ों का बाजार विकसित हो रहा है. अगर यह प्रयोग सफल हो गया तो किसानों को मुनाफा तो होगा ही, आत्महत्या की नौबत नहीं आयेगी. खरबों...
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