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भारत बना रहेगा सबसे तेज बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था

नई दिल्ली। चीन को पीछे छोड़ते हुए भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा। एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) ने हालिया रिपोर्ट में यह बात कही है। एडीबी की ओर से जारी एशियन डेवलपमेंट आउटलुक (एडीओ) के मुताबिक, वित्त वर्ष 2018-19 और 2019-20 में भारत की आर्थिक विकास दर क्रमशः 7.3 फीसद और 7.6 फीसद रहने का अनुमान है। एडीबी के मुताबिक, बैंकिंग व्यवस्था में सुधार के कदम,...

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हंगामेदार होगा मॉनसून सत्र-- नीरजा चौधरी

आज से शुरू हो रहे संसद के मॉनसून सत्र के सुचारु रूप से चलने पर संदेह है. इस बार काम भी ज्यादा है, क्योंकि बिल बहुत हैं. लोकसभा में 60 से ज्यादा बिल पेंडिंग हैं, जबकि 40 बिल राज्यसभा में पेंडिंग हैं. दो दर्जन बिल पास किये जाने के लिए सूचीबद्ध हैं. 18 नये बिल पेश किये जाने हैं. और इनमें कुछ बिल ऐसे भी हैं, जिनको लेकर हंगामा होना...

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तेल पर निर्भरता घटाने का वक्त - डॉ. जयंतीलाल भंडारी

भारत ने देर से ही सही, तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक पर कच्चे तेल की कीमतों में कटौती के लिए दबाव डालते हुए उचित कदम उठाया है। यद्यपि 1 जुलाई से ओपेक ने कच्चे तेल के उत्पादन में लगभग 10 लाख बैरल प्रतिदिन (बीपीडी) की बढ़ोतरी की है, लेकिन हकीकत यह है कि कीमतें अब भी कम नहीं हो पाई हैं। नि:संदेह बीते कुछ वक्त से तेल की लगातार...

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रेपो रेट बढ़ाये जाने के मायने-- डा. अश्विनी महाजन

अधिकतर अर्थशास्त्रियों और विश्लेषकों की अपेक्षाओं को गलत साबित करते हुए मौद्रिक नीति कमेटी ने 6 जून, 2018 को लगभग साढ़े चार साल के बाद ‘रेपो रेट' में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए उसे 6.25 प्रतिशत कर दिया. गौरतलब है कि दो साल पहले तक रेपो रेट के बारे में निर्णय रिजर्व बैंक गवर्नर ही किया करते थे. अभी यह निर्णय रिजर्व बैंक गवर्नर की अध्यक्षता में छह सदस्यों...

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तेल के अर्थशास्त्र में उलझा देश-- दीपक नैय्यर

पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें इन दिनों खबरों में हैं। मई के दूसरे पखवाड़े में पेट्रोल और डीजल के खुदरा मूल्य लगातार 16 बार बढ़े। 28 मई को तो ये पिछले चार वर्षों के सबसे ऊंचे स्तर पर जा पहुंचे थे। हालांकि 29 मई को प्रति लीटर एक पैसे की कमी की गई थी, जिसे मजाक ही कहा जा सकता है। इसके बाद 5 जून तक हर दिन इसकी कीमतें कुछ-कुछ...

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