देश की राजधानी दिल्ली और साथ ही कुछ अन्य क्षेत्रों में इस वक्त जो भयानक स्मॉग चारों तरफ फैला हुआ है, वह अचानक कहीं से आ नहीं गया है, बल्कि धूएं और धूल के प्रदूषण से पैदा हुआ यह स्मॉग वातावरण में ठहर जाने से अचानक दिखायी देने लगा है, जो सांस लेने में अब परेशानियां पैदा करने लगा है. स्मॉग में स्मोक और फॉग दोनों हैं- स्मॉक यानी धुएं...
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प्रदूषित हवा के खिलाफ कदम-- प्रार्थना बोरा
विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) की ताजा रिपोर्ट बताती है कि 2016 के अंत में पृथ्वी के वातावरण में कार्बन डाई-ऑक्साइड के अनुपात में रिकॉर्ड वृद्धि हुई। 2015 में यह वृद्धि पिछले दस वर्षों के औसत वृद्धि अुनपात से लगभग 50 फीसदी ज्यादा दर्ज हुई थी। एक अन्य रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र की भी है, जो और भयावह निष्कर्ष पर पहुंचती है। इस रिपोर्ट के अनुसार, साल 2016 में...
More »हमारे पर्व और पर्यावरण-- रोहित कौशिक
हाल ही में उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी, जो इकतीस अक्तूबर तक जारी रहेगी। हालांकि न्यायालय ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में पटाखे की बिक्री की इजाजत देने वाला उसका बारह सितंबर का आदेश एक नवंबर से प्रभावी होगा। दरअसल, धार्मिक पर्वों से संबंधित आस्था हमारे अंदर एक नए आत्मविश्वास का संचार कर जिंदगी के सफर को बिना अवरोध के आगे बढ़ाने में...
More »गांधी के पास देने को बहुत कुछ- आशुतोष चतुर्वेदी
अनेक विद्वानों का मानना है कि महात्मा गांधी को समझना आसान भी है और मुश्किल भी. दरअसल, गांधी की बातें सरल और सहज लगती हैं, लेकिन उनका अनुसरण करना बेहद कठिन होता है. हम सभी जानते हैं कि महात्मा गांधी भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख नेता थे. वह एक सफल लेखक भी थे. आप उनकी सक्रियता का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि 2 अक्तूबर, 1869 में...
More »गौरी लंकेश मर्डर: विचारधारा बनाम गोली-- शेखर गुप्ता
गौरी लंकेश हत्याकांड के बारे में कई चीजें हैं। एक, वे शक्तिशाली वैचारिक नेता थीं। धुर वाम-उदार विचारधारा की निर्भीक तर्कवादी थीं। दो, नियमित रूप से उन्हें दी जाने वाली धमकियों के बाद भी साहस के साथ अपनी बात कहती थीं। तीन, जैसाकि ध्रुवीकृत वातावरण में होता है, उनसे सहमत होने वाले पूरे जुनून से उनके साथ थे। जो असहमत होते वे इस वैचारिक अखाड़े की दूसरी ओर से जवाब...
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