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काम के बदले यौन संबंध की मांग कहलाएगा भ्रष्टाचार

नई दिल्ली। एक संसदीय कमेटी द्वारा भ्रष्टाचार पर प्रस्तावित कानून में "सेक्सुअल फेवर" (यौन संबंध की मांग) को भी भ्रष्टाचार मानने का प्रस्ताव किया गया है। ऐसा करने पर संबंधित व्यक्ति को दंडित किया जा सकेगा। भ्रष्टाचार रोधी नए विधेयक पर अपनी रिपोर्ट में राज्यसभा की प्रवर समिति ने विधि आयोग की सिफारिशों का अनुमोदन किया है। इसके साथ ही "अनुचित लाभ" को भी प्रस्तावित कानून में शामिल करने का सुझाव...

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एमनेस्टी ने भारत में अपने दफ्तर फिल्हाल बंद किए

नई दिल्ली। गैर सरकारी मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया ने भारत में अपने दफ्तरों को अस्थाई रूप से बंद कर दिया है। राष्ट्रद्रोह का केस दर्ज होने के बाद संस्थान का कहना है कि उसने अपने कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए यह कदम उठाया। इस बीच, पूरे कर्नाटक में एबीवीपी ने एमनेस्टी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए हैं। भारत में एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया की प्रवक्ता हिमांशी मट्टा ने बुधवार को बताया कि...

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मनमाने उपचार से बढ़ता मर्ज --- मोनिका शर्मा

हाल ही में अपने ‘मन की बात' कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने एक सामान्य-सी बात कही, जो सेहत के लिहाज से न केवल हमारे आज, बल्कि आने वाले कल के संदर्भ में भी बेहद जरूरी बात है। उन्होंने कहा कि ‘‘डॉक्टर के कहने पर ही एंटीबायोटिक लें, चिकित्सकों के निर्देश के बिना एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन न करें। एंटीबायोटिक दवाएं लेने की आदत एक बड़ी समस्या उत्पन्न कर सकती है। यह...

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इरोम की कहानी कुछ कहती है - शशिशेखर

आजादी' शब्द के अर्थ-अनर्थ का अगर असली मतलब समझना है, तो इरोम शर्मिला के सफरनामे को गौर से परखिए। प्याज के छिलकों की तरह परत-दर-परत सत्य अपने समस्त स्वरूपों में खुलता चला जाएगा। मुझे इरोम के प्रति सम्मानपूर्ण सहानुभूति है। गांधी के बाद वह पहली ऐसी भारतीय योद्धा हैं, जिन्होंने साबित किया कि सिर्फ अहिंसक आंदोलन लंबा चल सकता है। इरोम ने तथाकथित खूनी कानून ‘अफ्स्पा' को हटाने के लिए...

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सात दशक के बाद-- रघु ठाकुर

स्वतंत्रता और स्वाधीनता का क्या अर्थ है? स्वतंत्रता एक व्यवस्थागत आजादी का बोध कराती है। मसलन, स्वतंत्र यानी हमारे देश का अपना प्रशासन, अपनी शासन-प्रशासन प्रणाली। पर स्वाधीनता उससे कुछ ज्यादा व्यापक अर्थ देती है, जिसमें किसी भी प्रकार की अधीनता न हो। एक देश के रूप में हम अपने ही अधीन हों- एक नागरिक के रूप में, हम अपनी अंतरात्मा के अधीन हैं। अब प्रश्न यह है कि आज...

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