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सिर्फ 1 लाख खर्च कर 4 महीने में ही कमा डाले 8 लाख रु, अपनाया ये खास तरीका

सीकर। रसीदपुरा के किसान ने खेती से मुनाफे का नया रास्ता खोजा है। दुर्गाप्रसाद ओला ने नीदरलैंड खीरा की बुवाई कर सिर्फ चार महीने में आठ लाख रुपए की पैदावार की है। किसान का दावा है कि नीदरलैंड से बीज मंगवाकर खीरा की पैदावार करने वाला वह राजस्थान में पहला किसान है। इस खीरे में बीज नहीं होने की वजह से बड़े होटल-रेस्त्रां में डिमांड रहती है दुर्गाप्रसाद ने बताया कि...

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सालभर मिलने वाले भुट्टों के लिए प्रसिद्ध हुआ छत्‍तीसगढ़ का गांव

अनंगपाल दीक्षित, अंबिकापुर(निप्र)। छत्‍तीसगढ़ में कटनी-गुमला नेशनल हाइवे क्रमांक 43 पर स्थित सरगुजा जिले का सिलसिला गांव को यहां के मेहनतकश किसानों ने वर्ष भर स्वादिष्ट भुट्टे के लिए प्रसिद्घ कर दिया है। इस मार्ग पर आने-जाने वाले हर वाहन का पहिया सिलसिला में थम जाता हैं हर कोई यहां के किसानों की मेहनत से पैदा किए गए भुट्टे का स्वाद लेने लालायित रहता है। हर रोज इस छोटे से...

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विस्थापन के सबसे ज्यादा शिकार हैं आदिवासी : मंत्रालय की रिपोर्ट

देश की आबादी में अनुसूचित जनजाति के लोगों की तादाद 8.6% है लेकिन विकास परियोजनाओं के कारण विस्थापित होने वाले लोगों कुल संख्या में अनुसूचित जनजाति के लोगों की तादाद 40 प्रतिशत है। भूमि अधिग्रहण संबंधी अध्यादेश के जारी होने के साथ उपजे विवाद के बीच आई एक नई रिपोर्ट में विस्थापन और विकास के संदर्भ में आदिवासी समुदाय के लोगों से संबंधित ऐसे कई महत्वपूर्ण तथ्यों का उल्लेख है।...

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घर छोड़ने को मजबूर क्यों अन्‍नदाता? - देविंदर शर्मा

कृषि के संदर्भ में राष्ट्रीय नमूना सर्वे संगठन (एनएसएसओ) की हालिया रिपोर्ट साफ तौर पर बताती है कि कृषि न केवल संकट के दौर से गुजर रही है, बल्कि उसका तेजी से क्षरण भी हो रहा है। मैं चकित नहीं हूं। आखिरकार 1996 में ही विश्व बैंक ने भारतीय कृषि के पतन की दिशा बता दी थी। तब विश्व बैंक ने अनुमान लगाया था कि अगले बीस वर्षों में भारत...

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किसानों के हित में नहीं है नया भूमि अधिग्रहण कानून- सुभाष चंद्र कुशवाहा

जब खेती योग्य जमीनें कौड़ियों के भाव अधिगृहीत की जाने लगीं, तो वर्ष 2010 में भूमि अधिग्रहण को लेकर किसानों ने ‘किसान संघर्ष समिति' के बैनर तले पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तीव्र विरोध किया। कई जगहों पर उग्र-हिंसक प्रदर्शन हुए, जिसके चलते किसान-पुलिस टकराव के दौरान कई लोगों की जानें गईं। दरअसल भूमि अधिग्रहण कानून के बल पर किसानों की जमीनें सस्ते में खरीदकर उद्योगपतियों को दी जा रही थीं, जो...

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