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मानवीय है मातृत्व अवकाश में वृद्धि

आने वाला साल महिलाओं के लिए अच्छी खबर लेकर आएगा। उनका मातृत्व अवकाश 26 हफ्ते तक बढ़ने वाला है। पहले यह मात्र 12 हफ्ते का था। महिला एवं शिशु विकास मंत्रालय की मानें तो इस फैसले से प्राइवेट सेक्टर में कार्यरत सभी कामकाजी महिलाएं लाभान्वित होंगी, भले ही वह संगठित हो या असंगठित। श्रम मंत्रालय की ओर से इस आशय के फैसले को हरी झंडी मिल चुकी है। हालांकि मंत्री...

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'भारत की वृद्धिदर अनुमान में संशोधन कर सकता है विश्वबैंक'

विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री कौशिक बसु ने शनिवार को संकेत दिया कि विश्वबैंक भारत के लिए अपने वृद्धि दर अनुमान में संशोधन कर सकता है जबकि वह अगले महीनों में स्थिति की समीक्षा करेगा। कौशिक के अनुसार जीएसटी विधेयक को संसद में पारित करवाने में केंद्र की विफलता का असर वृद्धि दर अनुमान पर पड़ेगा, उन्होंने कहा कि जनवरी की समीक्षा में भारत के लिए वृद्धि दर अनुमान में...

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बीतते हुए 2015 में टूटीं समृद्धि की उम्मीदें, अपेक्षा से कम आर्थिक विकास

इस बात की जरूरत है कि सरकार राजनीतिक इच्छाशक्ति से सब्सिडी में कटौती कर अधिक कुशल, बुद्धिमत्तापूर्ण तथा सतर्क कराधान के साथ-साथ उद्योग, बुनियादी ढांचे के विस्तार और आधुनिकीकरण के क्षेत्र में अधिक विदेशी प्रत्यक्ष निवेश आकृष्ट कर पूंजीगत व्यय बढ़ाये़ अर्थव्यवस्था में कुछ मामूली बेहतरी के संकेतों को छोड़ दें, तो 2015 के आर्थिक रुझान बहुत उत्साहवर्द्धक नहीं रहे हैं. वर्ष के आखिरी महीने में संसद में पेश अर्द्धवार्षिक आर्थिक...

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दसवीं कक्षा में पढ़ा रहे आबादी नियंत्रण का तरीका गर्भपात! शिक्षा विभाग विवादों में

रायपुर। बेरोजगारी का कारण महिलाओं का रोजगार पाना, चैप्टर पढ़ाकर विवादों में आया छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग अब एक और नए विवाद में घिर गया है। कक्षा दसवीं की सामाजिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तक में जनसंख्या विस्फोट के उपचार को लेकर गर्भपात के तरीकों को पढ़ाया जा रहा है। हिन्दी माध्यम की पुस्तक में पेज क्रमांक 197 में लिखा गया है- ' भारत में सुरक्षित गर्भपात के लिए आवश्यक अस्पताल और नर्सिंग...

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अकेली स्त्री का घर-- क्षमा शर्मा

हमारे समाज में बूढ़ों की दुर्दशा प्रकट है। बहुत से लोग और स्वयंसेवी संगठन संयुक्त परिवार का टूटना इसकी बड़ी वजह बताते हैं, जो कुछ हद तक है भी। हालांकि यह भी समस्या का अधूरा सच है। बूढ़ों को तो हमारे यहां सदियों से वानप्रस्थ में भेजने की व्यवस्था रही है। इसके अंतर्गत राजा को भी हर सुख-सुविधा छोड़ कर जंगल में जाना और अपने प्रयासों से ही भोजन जुटाना...

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