नहीं है कोई डिग्री, कर रहे किसानों की मुश्किलों को दूर गिरीश बद्रगोंड बीजापुर जिले के निवासी हैं. उन्हें मशीनों से लगाव है. लेकिन, मशीनों के संबंध में शोध करने की कोई डिग्री नहीं है. लिहाजा, वे छोटे-छोटे मशीनों का आविष्कार कर किसानों की मुश्किलों का समाधान करने का प्रयास कर रहे हैं. आज स्थिति यह है कि वे सैंटेप सिस्टम नामक कंपनी में पार्टनर हैं और कृषि तकनीक के उत्पादन...
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खुद के हुनर से किसानों की मदद
नहीं है कोई डिग्री, कर रहे किसानों की मुश्किलों को दूर गिरीश बद्रगोंड बीजापुर जिले के निवासी हैं. उन्हें मशीनों से लगाव है. लेकिन, मशीनों के संबंध में शोध करने की कोई डिग्री नहीं है. लिहाजा, वे छोटे-छोटे मशीनों का आविष्कार कर किसानों की मुश्किलों का समाधान करने का प्रयास कर रहे हैं. आज स्थिति यह है कि वे सैंटेप सिस्टम नामक कंपनी में पार्टनर हैं और कृषि तकनीक के उत्पादन...
More »बीज पर सब्सिडी- किसानों के जख्मों पर नमक-- अखिलेश श्रीवास्तव
अकाल बुंदेलखंड की चौखट पर मुंह बाए खड़ा है। ललितपुर जिला सूखे से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में से एक है। जिला कृषि विभाग के ताजा आंकड़े बताते हैं कि सत्तर फीसदी खेत बिना बुआई के वीरान पड़े हैं। कई किसान बदहाली के शिकार होकर अपनी स्वभाविक मौत मर चुके हैं तो कुछ एक खुदकुशी की भी खबरें हैं। इतने संवेदनशील मुद्दे पर भी सरकारी अमला कितने संवेदनहीन तरीके से...
More »बुंदेलखंड में सूखा नहीं अकाल : नसीमुद्दीन
बांदा। विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष व बसपा राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि बुंदेलखंड में सूखा नहीं अकाल पड़ा है। यहां का किसान घास की रोटी खाने को मजबूर है और केंद्र व प्रदेश सरकार हाथ पर हाथ पर रखे बैठी है। सरकार की इस उदासीनता की बसपा निंदा करती है। अगले माह सत्र शुरू होने पर सदन में किसानों के मुद्दे उठाए जाएंगे। अलीगंज स्थित अपने आवास में सोमवार...
More »छोटी सी पहल ने बदली सौ गांवों की तकदीर
कभी पानी को तरसते थे, आज साल भर में तीन फसल उगा रहे किसान राजस्थान के सौ गांवों के खेतों में फसल नहीं उगायी जाती थी, क्योंकि वहां सिंचाई के माकूल साधन नहीं थे. सिंचाई के लिए पानी की बात तो दूर, ग्रामीणों को पेयजल भी मयस्सर नहीं था. मुंबई की एक महिला कार्यकर्ता द्वारा किये गये अथक प्रयास के बाद आज उन गांवों में न सिर्फ लोगों को पेयजल मिल...
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