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साक्षात्कार:पर्यावरण को लेकर सरकार व समाज हो जागरूक

जंगल, जमीन हवा आदि प्रदूषित होते जा रहे हैं. धरती से लेकर आकाश तक कचरों को ढेर लगता जा रहा है. इसे लेकर दुनिया भर में चिंता व्यक्त की जा रही है. यह परिस्थिति कितनी गंभीर है और इससे कैसे निबटा जा सकता है, इन विषयों पर अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पर्यावरणविद डॉ अरविंद कुमार से संदीप कुमार ने बातचीत की. डॉ कुमार मगध विश्वविद्यालय, बोध गया व विनोवा भावे विश्वविद्यालय...

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46 हजार स्कूलों के बंद होने का खतरा- राजेश शर्मा

भोपाल. शिक्षा का अधिकार (आरटीई) कानून का पालन नहीं करने वाले प्रदेश के करीब 40 हजार सरकारी और साढ़े छह हजार प्राइवेट स्कूलों पर बंद होने का खतरा मंडरा रहा है। भोपाल में ऐसे स्कूलों की संख्या 175 है।   सरकार ने 1 अप्रैल 2010 में इस कानून के प्रभावी होने के बाद से नए स्कूलों को मापदंडों का पालन करने की शर्त पर ही मान्यता दी थी और इसके पूर्व से संचालित...

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मॉनसून साथ न दे, तो भी अच्छी खेती करें- डा. प्रवीण कुमार द्विवेदी

झारखंड और बिहार में मॉनसून की आंखमिचौली एक तरह से स्थायी समस्या बन गयी है. इन परिस्थितियों में फसलों की बरबादी और कम उत्पादन की आशंकाएं रहती हैं. इस विषम परिस्थिति से निबटने का सही तरीका कुशल प्रबंधन है. यह प्रबंधन किसानों को करना है. इस बार मौसम पूर्वानुमान में मॉनसून का ज्यादा साथ देने की संभवना कम व्यक्त की गयी है. ऐसे में किसान संयम, समझ और जागरूकता से काम...

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औसत भारतीय की उम्र में इजाफा- विश्व स्वास्थ्य संगठन

बीते दो दशकों में भारत में आयु-संभाविता बढ़ी है लेकिन इस मामले में भारत अभी चीन, ब्राजील और श्रीलंका से पीछे है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट वर्ल्ड हैल्थ स्टैटिक्स 2014 के तथ्यों के अनुसार साल 1990 से 2012 के बीच भारत में स्त्री-पुरुष दोनों की आयु-संभाविता में बढोत्तरी देखी गई है। इस अवधि में पुरुषों के लिए आयु-संभाविता (जन्म के समय) 57 वर्ष से बढ़कर 66 वर्ष तक पहुंची है जबकि महिलाओं के मामले में 58...

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नि:शक्तों को समान अवसर का है अधिकार- आर के नीरद

नि:शक्तों को वह सब अधिकार मिला हुआ है, जो एक सामान्य व्यक्ति को है. नि:शक्तता के आधार पर उसके साथ कोई भेदभाव नहीं किया जा सकता, बल्कि एक सामान्य व्यक्ति के मुकाबले उसकी शारीरिक या मानसिक कमी की भरपाई के लिए उसके साथ विशेष व्यवहार किया जाना है. शारीरिक रूप से नि:शक्त व्यक्ति के मामले में समाज का नजरिया बदला भी है, लेकिन मानसिक रूप से विकलांग व्यक्ति के प्रति अब...

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