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मेलघाट में 14000 बच्चे कुपोषित- कृष्णा शुक्ला की रिपोर्ट

मुंबई. मेलघाट में 14 हजार बच्चों के कुपोषित होने के आकड़े को जानने के बाद बांबे हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए अमरावती के जिलाधिकारी को शीघ्रता से सरकारी कल्याणकारी योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने का निर्देश दिया है। मेलघाट में 14 हजार में से 11 हजार 61 बच्चे वजन और 3434 बच्चे ऊंचाई के लिहाज से कुपोषित पाए गए हैं। न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ व न्यायमूर्ति आर....

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जमीन में दबे 10 करोड़ के पाइप बने सोने की खान : बालमुकंद वैष्णव

सूरजपुरा. अजमेर जिले की प्यास बुझाने के लिए लगभग 50 वर्ष पूर्व बनी नेगड़िया जल वितरण योजना तो 2010 में बंद हो गई परंतु जमीन में दबे लगभग 10 करोड़ से ज्यादा की लागत के इस परियोजना के पाइप चोरों के लिए ‘सोने की खान’ साबित हो रहे हैं। खुले आम खुदाई करके चोर ट्रक भरकर ले जा रहे हैं मगर इन्हें रोकने का आज तक किसी अधिकारी ने प्रयास तक नहीं...

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चीनी उत्पादन में अव्वल होगा बिहार

पटना : चीनी उत्पादन में बिहार फिर शीर्ष पर होगा. राज्य सरकार की पहल व किसानों के हौसले से यह उम्मीद जगी है. 1950-60 के दशक में देश में कुल खपत का 60 फीसदी चीनी का उत्पादन यहीं होता था. आज हम अपनी जरूरत को भी पूरा नहीं कर पाते. राज्य में सालाना आठ लाख टन चीनी की खपत है, जबकि उत्पादन चार लाख टन ही है. लेकिन, अब स्थिति बदलने लगी...

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तुम केवल एक छवि हो?- गोपालकृष्ण गांधी

‘तुमि की केबोलि छोबि?’ (तुम क्या केवल एक छवि हो?) कविगुरु रबींद्रनाथ टैगोर अपनी एक रचना में अपने सामने रखी एक छवि से पूछते हैं। उस प्रश्न का संदर्भ अपने में कुछ है। प्रश्न का उत्तर भी, जो कि वे स्वयं देते हैं, अपने में मौलिक है। दो हजार ग्यारह के अपने इस अंतिम स्तंभ में वही प्रश्न मैं, अदना-सा एक इंसान, भारत माता की छवि से पूछना चाहता हूं...

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एक अनूठा सत्याग्रह- गिरिराज किशोर

जनसत्ता, 10 दिसंबर,2011: कुछ घटनाएं महत्त्वपूर्ण होती हैं, पर सरकार और कई बार समाज भी उनका उतना संज्ञान नहीं लेता जितना लिया जाना चाहिए। अगर किसी घटना को नजरअंदाज करने से काम चल सकता है तो लोग सोचते हैं कि चला लेना ज्यादा सुविधाजनक है। भले ही देश या समाज को कितना भी आघात क्यों न पहुंचे। मणिपुर हमारे देश के पूर्वोत्तर का महत्त्वपूर्ण प्रदेश है। जब मैं वहां गया...

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