अखंड भारत के शिल्पी सरदार वल्लभभाई पटेल सवर्ण एवं धार्मिक आरक्षण के घोर विरोधी थे. इसके बावजूद गुजरात में उनके नाम पर सवर्ण पाटीदार आरक्षण आंदोलन चल पड़ा है. गुजरात के लिए मंगलवार (25 अगस्त) अमंगल रहा. गुजरात की जनता अपने काम में ही व्यस्त रहने के लिए जानी जाती है और शांत प्रजा की उसकी छवि है, किंतु किसी एक मसले को लेकर वह जब आंदोलन करने पर उतारू हो...
More »SEARCH RESULT
मनरेगा से दूर हो रही है गरीबी-- नई रिपोर्ट
मनरेगा केंद्रित एक नये अध्ययन में कहा गया है कि ग्रामीणों को रोजगार की गारंटी देने वाले इस कार्यक्रम से गरीबी के निवारण में मदद मिली है. नेशनल काऊंसिल ऑफ अप्लॉयड रिसर्च और यूनिवर्सिटी ऑफ मेरीलैंड द्वारा तैयार इस रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2004-05 से 2011-12 के बीच मनरेगा के कारण इसमें काम पाने वाले लोगों के बीच 32 प्रतिशत गरीबी घटी है. (देखें सबसे नीचे दी गई...
More »तकनीकी शिक्षा की विसंगतियां- नीलांजन मुखोपाध्याय
विगत पांच अगस्त को लोकसभा में जवाब देते हुए मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी ने बताया कि 2012 से 2015 के दौरान, कुल तीन वर्षों में सोलह आईआईटी के 2,060 छात्रों ने पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। इसी दौरान कुल तीस एनआईटी से 2,352 छात्र अधबीच में निकल गए। केंद्रीय मंत्री के अनुसार, दूसरे कॉलेजों में दाखिला मिलने, व्यक्तिगत वजहों से, चिकित्सा कारणों से, पढ़ाई के दौरान नौकरी मिल...
More »किसानों की खुदकुशी के सबब- विनोद कुमार
जरा गौर कीजिए कि इसी देश में करीब अठारह-बीस करोड़ भूमिहीन दलित, अति पिछड़े मजूर हैं। उनके जीवन में यह मौका ही नहीं आता कि वे बैंक से कर्ज लें, खेती करें, उनकी फसल नष्ट हो और वे आत्महत्या कर लें। इसका अर्थ यह नहीं कि हम किसानों की आत्महत्या से पीड़ा का अनुभव नहीं करते। लेकिन इस बात को समझना तो होगा कि एक भूमिहीन किसान या मजूर आत्महत्या न...
More »जनगणना से मिलते संकेत- अरविन्द मोहन
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने जिस तरह जनगणना के जातिवार आंकड़ों के बारे में तत्काल सफाई दी और उसे लगभग ठंडे बस्ते में डाल दिया, उसके पीछे बड़ा कारण बिहार विधानसभा का चुनाव था। अब बिहार में जातिवार जनगणना के आंकड़ों की मांग बड़ा चुनावी मुद्दा बन गई है। कई लोग यह भी कहने लगे हैं कि जरूरी नहीं कि जातिवार आंकड़ों की मांग लालू-नीतीश की जोड़ी को फायदा पहुंचाए और...
More »