उत्तर प्रदेश हो या मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ हो या झारखंड, ओडिशा हो या आंध्र प्रदेश-देश के एक बड़े भाग को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया गया है। ऐसे क्षेत्रों में रोजगार कार्यों के अभाव में लोगों का दुख-दर्द बढ़ रहा है। बांदा जिले में नरैनी प्रखंड के घसराऊट गांव के लोगों ने बताया कि खरीफ की फसल तबाह हो गई, फिर सूखे के कारण रबी की बुआई कम हुई। इसके बावजूद...
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बाल श्रम, सरकार और समाज-- सुशील कुमार सिंह
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अनुसार बाल श्रम (प्रतिबंध और नियमन) संशोधन विधेयक-2012 को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल गई है। संभव है कि आने वाले शीत सत्र में इसे संसद के समक्ष पेश किया जाएगा। यह बदलाव 1986 के कानून को न केवल परिमार्जित करने से संबंधित है, बल्कि चौदह से अठारह वर्ष की उम्र के किशोरों के काम को लेकर नई परिभाषा भी गढ़ी जा रही है।...
More »कैसे करें सूखे का सामना-- बाबा मायाराम
पिछले साल किसान सूखे की मार झेल चुके हैं। इस साल फिर सूखा पड़ गया। जबकि कुछ वर्षों से किसान निरंतर संकट में हैं। उनकी हालत पहले से ही खराब है। इस वर्ष सूखे ने उन्हें गहरे संकट में डाल दिया है। भारतीय मौसम विभाग की भविष्यवाणी सही निकली है। खुद कृषि मंत्रालय ने स्वीकार कर लिया है कि सामान्य से पंद्रह-सोलह फीसद कम बारिश हुई। इससे खरीफ की फसल...
More »पर्यावरण के नजरिए से आहार- रमेश कुमार दुबे
अगर गोमांस (बीफ) के बढ़ते इस्तेमाल को पर्यावरण की दृष्टि से देखा जाए तो इतना विवाद न हो। गहराई से देखा जाए तो आज जलवायु परितर्वन, वैश्विक तापवृद्धि, भुखमरी, नई-नई बीमारियां प्रत्यक्ष रूप से मांसाहार के बढ़ते चलन से जुड़ी हुई हैं। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनइपी) के मुताबिक एक मांस-बर्गर तैयार करने में तीन किलोग्राम कार्बन उत्सर्जित होता है। ऐसे में धरती की रक्षा के लिए मांस की बढ़ती...
More »कुपोषण से जूझता भारत- निकोलस क्रिस्तॉफ
हर वर्ष की तरह इस बार भी मैं अपनी 'विन ए ट्रिप' यात्रा पर भारत आया। भारतीय गांवों की यात्रा के दौरान मेरे साथ थे प्रतियोगिता के विजेता स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी के ऑस्टिन मेयर। इस यात्रा के मूल में यह सवाल था, 'आखिर क्या वजह है कि भारत के लाखों बच्चे शारीरिक-मानसिक तौर पर कुपोषित रह जाते हैं?' भारत एक मजबूत लोकतंत्र हैं, जो मंगल तक अपना उपग्रह भेज चुका है। पर...
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