पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के रंजनडीह गांव में रहने वाली 55 वर्षीय साधमणि तुडु हर सुबह अपने खेत में जाने से पहले गांव में एक घर की दीवार पर लगा चाकबोर्ड देखना नहीं भूलतीं। तुडु कहती हैं, “पिछले चार साल से चाकबोर्ड देखना गांव से अधिकांश लोगों की आदत में शुमार हो चुका है।” यह चाकबोर्ड 2015 में कोलकाता स्थित गैर लाभकारी संगठन डेवलपमेंट रिसर्च कम्युनिकेशन एंड सर्विस सेंटर (डीआरसीएससी)...
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जलवायु परिवर्तन से बिहार में खेती के बुरे दिन
ग्लोबल वार्मिंग में कोई ख़ास योगदान ना होने के बावजूद, बिहार को जलवायु परिवर्तन के अंजाम भुगतने पड़ रहे हैं। जलवायु परिवर्तन का सबसे ज़्यादा असर बिहार में खेती पर पड़ा है। बेमौसम बरसात, मॉनसून की बारिश का लगातार कम होना और तापमान में लगातार बढ़ोत्तरी ने बिहार की खेती की तस्वीर बदल कर रख दी है। कभी फ़ायदे का सौदा कही जाने वाली खेती में अब नुकसान के अलावा...
More »बेमौसमी बारिश से हुई धान खराब, गेहूं की बुआई में देरी
पिछले हफ्ते उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिले में हुई बारिश की वजह से किसानों की धान की फसल चौपट हो गई है। खेतों में बारिश का पानी भरने से कटाई कर रखी गई धान की फसल खराब हो रही है। कुछ जगह पर कटाई नहीं होने से खेत में ही फसल लेट गई है। प्रदेश के वाराणसी, चंदौली, सोनभद्र, भदोही में बारिश ने धान की खेती को भारी नुकसान पहुंचाया...
More »दशक पर एक नजर: कृषि संकट के लिए किया जाएगा याद
2010 में जब भारत ने सदी के दूसरे दशक में प्रवेश किया था, तब उसके सामने 2008 में शुरू हुई वैश्विक आर्थिक मंदी की बड़ी चुनौती थी। लेकिन उपभोग वस्तुओं की मांग लगातार बने रहने के कारण इस मंदी का असर भारत पर नहीं पड़ा। खासकर ग्रामीणों ने इस दौरान अपने खर्च में कमी नहीं की और वे लगातार अपनी जरूरत की चीजें खरीदते रहे, जबकि वे लगभग पूरी तरह...
More »महाराष्ट्र में बेमौसम बारिश से प्रभावित किसान ने खेत में बोर्ड लगाया मेरे परिवार को खरीदें
बेमौसम बारिश से खराब हुई फसलों का मुआवजा नहीं मिलने से नाराज महाराष्ट्र के वाशिम जिले के कोलगाँव के एक किसान ने अपने खेत में बोर्ड लगाकर राज्य के मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि राज्य सरकार या तो खराब हुई फसलों का मुआवजा दे, अन्यथा मेरे परिवार को खरीदें। 30 वर्षीय किसान विजय शेंडगे ने कहा कि राज्यपाल ने प्रति हेक्टेयर 8,000 रुपये की वित्तीय मदद दी थी, लेकिन यह...
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