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आवरण कथा: क्या कागजों में उग रहे हैं जंगल?

-डाउन टू अर्थ, आवरण कथा की पहली कड़ी में आपने पढ़ा - क्या गायब हो गए हैं 2.59 करोड़ हेक्टेयर में फैले जंगल  । पढ़ें अगली कड़ी -  सबसे बुरी खबर की बात नहीं हुई। इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट 2021 में कुल 2.587 करोड़ हेक्टेयर रिकॉर्डेड फॉरेस्ट क्षेत्र (राज्य सरकारों के वन विभाग के अधीन वन क्षेत्र) की कहीं बात नहीं है। रिपोर्ट में यह कहीं भी मौजूद नहीं है। इसके...

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स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरमेंट 2022 रिपोर्ट: 17 प्रमुख लक्ष्यों को पाने में चूक सकती है सरकार

-डाउन टू अर्थ, भारत ऐसे कम से कम 17 प्रमुख सरकारी लक्ष्यों को पाने की दिशा में पीछे है, जिनकी समय-सीमा 2022 है। एक मार्च को जारी एनुअल स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरमेंट 2022 रिपोर्ट के मुताबिक, इस धीमी गति के चलते भारत समय-सीमा में इन लक्ष्यों को हासिल करने से चूक सकता है। यह रिपोर्ट केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने जारी की। रिपोर्ट डाउन टू अर्थ मैगजीन...

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प्रयागराज: कभी पूरब का ऑक्सफ़ोर्ड कहलाता था, अब क्या है शिक्षा और रोज़गार का हाल

-बीबीसी, दिलीप कुशवाहा सर इलाहाबाद में काफ़ी हिट हैं. वे नए तौर तरीकों से छात्रों को अंग्रेज़ी पढ़ाते हैं, अंग्रेज़ी सीखने की चाहत रखने वालों को वे हिंदी माध्यम में अंग्रेज़ी पढ़ाते हैं. गणित की पृष्ठभूमि और सामाजिक बदलाव की दिशा में भूमिका निभाने का जुनून रखने वाले कुशवाहा बताते हैं कि वे छात्रों के बीच हिट कैसे हुए. उनका कहना है कि ख़ास पाठ्यक्रम, पढ़ाने के दौरान उनके शारीरिक हाव-भाव, अभिव्यक्ति का...

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महंगाई "वास्तविक" है और इसका समाधान भी वास्तविक होना चाहिए

-न्यूजक्लिक, महंगाई और इससे निपटने के तरीके लोगों को असल में प्रभावित करते हैं। यह महज़ कोई आंकड़ा नहीं है, जिसे हम विशेषज्ञों की बातचीत में टीवी पर देखते हैं। बल्कि यह तय करता है कि कैसे असली संसाधन हमारे समाज में वितरित हो रहे हैं। कैसे उन तक अलग-अलग वर्ग समूहों की पहुंच सुनिश्चित हो रही है। सामान्य आदमी की इसमें कोई भागेदारी नहीं होती कि सरकार कैसे मुद्रास्फीति (महंगाई)...

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आर्थिक असमानता: पूंजीवाद बनाम समाजवाद

-न्यूजक्लिक, पिछले कुछ अर्से में आर्थिक असमानता में हुई भारी बढ़ोतरी के संबंध में काफी कुछ लिखा गया है और ऑक्सफैम जैसी संस्थाओं ने अनेकानेक, हैरत में डाल देने वाले आंकड़े प्रस्तुत किए हैं। ये आंकड़े इनीक्वेलिटी किल्स शीर्षक की रिपोर्ट में पेश किए गए हैं। ये आंकड़े बताते हैं कि महामारी के आने के बाद से, दस सबसे धनवानों की संपदा दोगुनी हो गयी है, जबकि दुनिया की 99 फीसद...

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