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शहरीकरण, लैंगिक और सामाजिक परिवर्तन: क्या कामकाजी महिलाएं अधिक स्वायत्तता अनुभव करती हैं?

भारत में महिलाओं की कार्य में सीमित भागीदारी न केवल आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसका असर उनके कल्याण और सामाजिक स्थिति पर भी होता है। यह लेख, उत्तर भारत के चार शहरी समूहों में किये गए एक घरेलू सर्वेक्षण के आधार पर, महिलाओं की कामकाजी स्थिति और पारिवारिक निर्णय के बारे में उनके स्वायत्तता के बीच एक मजबूत संबंध पाता है, जो भारत में महिलाओं और कामकाज के बीच...

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यूपी चुनाव: बुंदेलखंड से पलायन जारी, सरकारी नौकरियों का वादा अधूरा

-न्यूजक्लिक, शनिवार की दोपहर का वक़्त है और 23 वर्षीय राजीव पटेल उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले से चंडीगढ़ जाने के लिए रेलवे आरक्षण हासिल करने की कोशिश में व्यस्त हैं. बांदा-चित्रकूट के पाठा क्षेत्र के निवासी पटेल पिछले सात वर्षों से चंडीगढ़ और पंजाब और हरियाणा के अन्य शहरों में रसोइए के रूप में काम कर रहे हैं। उनके पास कोई औपचारिक प्रशिक्षण नहीं है फिर भी रोज़गार की तलाश में...

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उन्होंने कहा महिलाओं के बस की नहीं खेती; संगीता ने 30 लाख/वर्ष कमाकर किया गलत साबित

-द बेटर इंडिया, “मुझसे कहा जाता था कि एक अकेली महिला खेत नहीं संभाल सकती है, इसलिए मैं कभी सफल नहीं हो पाऊंगी। लेकिन मैं ऐसी बातें कहने वालों को गलत साबित करना चाहती थी।” यह कहना है नासिक के मटोरी गांव में अंगूर की खेती (Grapes farming) करने वाली महिला किसान संगीता पिंगले का।  जिंदगी ने कदम-कदम पर संगीता का कड़ा इम्तिहान लिया है। पहले उन्होंने अपने बच्चे को खोया और...

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जलवायु संकट पर अमीर देशों और भारत के ताकतवर लोगों के भरोसे रहना बड़ी भूल

-कारवां,  हाल ही में 31 अक्टूबर और 12 नवंबर के बीच ग्लासगो में संपन्न हुई जलवायु परिवर्तन की 26वीं अंतर्राष्ट्रीय वार्ता में भारत सहित कई विकासशील देशों ने जलवायु न्याय का मुद्दा उठाया. इन देशों की मांग वाजिब है क्योंकि बैंगलुरु के राष्ट्रीय प्रगत अध्ययन संस्थान की डॉक्टर तेजल कानिटकर के अनुसार, विश्व के सबसे धनी देश 1990 में अंतर्राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन के समझौतों पर चर्चा शुरू होने तक जलवायु परिवर्तन...

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दिल्ली के गरीब भूखे और हताश हैं, उनके पेट में भूख की 'आग' जल रही है

-न्यूजक्लिक, बढ़ते कर्ज़, महीनों का बकाया किराया, बेटी की शादी के लिए लिया गया कर्ज़ और अपने दो बेटों की शिक्षा पर होने वाले खर्च ने, हसनारा बेगम की रातों की नींद हराम कर रखी है और उसका परिवार दैनिक भोजन के इंतजाम के लिए संघर्ष कर रहा है। पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर की रहने वाली हसनारा बेगम दिल्ली के उन लाखों निवासियों में शामिल हैं जिनके पास राशन कार्ड नहीं...

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