अरविंद पनगढ़िया को उपाध्यक्ष मनोनीत किए जाने के साथ ही नीति आयोग (नेशनल इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिग इंडिया) को लेकर जारी कई अटकलों को विराम मिल गया है, लेकिन इस आयोग को लेकर कई उत्सुकताएं अब भी लोगों के दिमाग में बनी हुई हैं। दरअसल, केंद्र में आई नई सरकार ने 24 अगस्त को 20 विशेषज्ञों को बुलाकर उनसे यह सवाल पूछा था कि मौजूदा योजना आयोग...
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विदेशी कंपनियां नहीं लाएंगी अच्छे दिन - डॉ. भरत झुनझुनवाला
वर्ष 2005 से 2010 के बीच देश की अर्थव्यवस्था 8.7 प्रतिशत की दर से बढ़ रही थी। अरबपतियों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही थी। फिर भी जनता में असंतोष था, जिसका परिणाम संप्रग सरकार को 2014 के चुनाव में झेलना पड़ा। मोदी सरकार के सामने 2015 की चुनौती विकास को आम जनता तक पहुंचाने की है। हमारी वर्तमान विकास दर 5 से 6 प्रतिशत के बीच है।...
More »प्लेटों के आने की आवाज तो आ रही है, खाना नहीं आ रहा : अरुण शौरी
अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार में मंत्री रहे प्रख्यात पत्रकार अरुण शौरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काम काज पर सवाल उठाया है. ‘इंडियन एक्सप्रेस' के साथ बातचीत में उन्होंने बड़ी बेबाकी से प्रधानमंत्री मोदी की कार्यशैली, योजना आयोग, संस्कृत भाषा के मुद्दे और केंद्र में राजनीतिक नियुक्तियों पर कटाक्ष टिप्पणियां की हैं. उनकी इस टिप्पणी से नरेंद्र मोदी सरकार के छह महीने के कार्यकाल में कुछ खास नहीं होने...
More »काले धन के मसले पर बदलता रुख - आकार पटेल
भारतीयों ने कितना काला धन विदेशों में रखा है? इस बारे में किसी को सही-सही जानकारी नहीं है. सरकार को भी नहीं! वर्ष 2011 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 80 बिलियन डॉलर काला धन होने के अनुमान पर सवाल उठाते हुए कहा था कि यह बहुत बढ़ा-चढ़ा कर बताया गया है. भारत के उद्यमियों के सबसे बड़े संगठन (एसोचैम) का कहना है कि काले धन का आंकड़ा दो ट्रिलियन...
More »बे-कायदा क्यों हों कैदखाने? - गोपालकृष्ण गांधी
अदालती फैसलों की कानूनी वजहें होती हैं। अदालतें बहुत सोच-समझकर, ध्यान से, अपने नतीजों पर आती हैं। उन्हें हमें बाइज्जत कुबूल करना चाहिए। उन पर अगर हमें कुछ कहना हो तो वह बहुत समझ-बूझकर, ध्यान से ही कहना चाहिए। वैसा ही इस छोटे-से रिसाले में करना चाहूंगा। तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता-जी के 'केस" पर मैं कुछ नहीं कह सकता। अव्वल, मैं उस मामले की तफसीली अंतर्वस्तुओं से वाकिफ ही नहीं। अच्छा ही है!...
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