इस एक तथ्य पर गौर करें। साल 1965-66 अनाज का उत्पादन 19 फीसदी घटा जबकि साल 1987-88 में मात्र 2 फीसदी जबकि इन दोनों ही सालों में खेती सूखे की चपेट में आई। सोचिए कि ऐसा क्यों हुआ ? एफएओ द्वारा प्रकाशित स्मॉल होल्डर्स एंड सस्टेनेबल वेल्स, अ रेट्रोस्पेक्ट: पार्टीसिपेटरी ग्राऊंटवाटर मैनेजमेंट इन आंध्रप्रदेश पुस्तक का उत्तर है कि सुखाड़ की इन दो अवधियों के बीच देश में भूमिगत जलस्रोत के जरिए सिंचाई पर निर्भरता बढ़ी और इसी वजह से...
More »SEARCH RESULT
वेबसाइट पर खुलेआम बिक रहा 'अखिलेश लैपटॉप'
एक ओर युवाओं को लैपटॉप से लैस करने में मुख्यमंत्री अखिलेश लगे है। वहीं दूसरी ओर उनके समाजवादी लैपटॉप की मांग ऑनलाइन मार्केट में बढ़ गई है। नि:शुल्क मिले लैपटॉप के खरीददार तलाशने के लिए प्रदेश के विभिन्न स्थानों से छात्रों ने ऑनलाइन खरीद-फरोख्त करने वाली वेबसाइट पर इसके विज्ञापन अपलोड किए हैं। इन छात्रों ने सरकारी लैपटॉप को 'अखिलेश लैपटॉप' नाम दिया है। इंटरनेट की दुनिया में इसे आसानी से तलाश...
More »सात माह में सर्वाधिक महंगाई, लोग बेहाल
रेपो रेट घटना मुश्किल महंगाई दर लगातार बढऩे के चलते रेपो रेट घटाना होगा मुश्किल, आरबीआई की अगली मौद्रिक नीति समीक्षा 29 अक्टूबर को लगातार चौथे माह बढ़ी महंगाई, सितंबर में मुद्रास्फीति दर रही 6.46 फीसदी देश में महंगाई का कहर जारी है। सितंबर, 2013 में महंगाई दर और भी बढ़कर पिछले सात महीनों के उच्चतम स्तर 6.46 फीसदी पर पहुंच गई। सितंबर महीने में खुदरा महंगाई दर भी बढ़कर 9.84 फीसदी हो...
More »कुप्रबंध की संस्कृति- हरिवंश
देश, वाचाल वृत्ति, बौद्धिक विलासिता, पर-उपदेश वगैरह की ‘लचर जीवन संस्कृति’ से नहीं चलता. आज के भारत में सरकार, राजनीति से लेकर समाज स्तर पर यही जीवन संस्कृति है. अमर्त्य सेन जिस ‘आर्ग्यूमेंटेटिव इंडिया’ (बहस में डूबे भारत) की बात करते हैं, उसे जमीन पर देखें-समझें तो बात ज्यादा स्पष्ट और साफ होती है. मूलत: हम बातूनी लोग हैं, बिना कर्म बात-बहस करनेवाले. किसी के बारे में कुछ भी टिप्पणी....
More »घटती जीडीपी, लौटती महंगाई; संभालें अपना पोर्टफोलियो
मौजूदा वित्ता वर्ष की पहली तिमाही के दौरान जीडीपी ग्रोथ की दर महज 4.4 फीसद रही है। इस बीच भारत का जीडीपी-कर्ज अनुपात घटकर 66 फीसद हो गया है। देश का चालू खाते का घाटा खतरनाक स्तरों पर बना हुआ है। इन सबके बीच महंगाई डायन ने एक बार फिर से सिर उठाना शुरू कर दिया है। महंगाई थामने की लगातार कोशिशों के बावजूद आरबीआइ ने अब भी इसके सामने हाथ खड़े कर...
More »