-इंडियास्पेंड, तमाम परेशानियों के बावजूद शाहिद कुरैशी की सुरमा लगी आंखों में उम्मीदों के कुछ निशान अभी बाकी थे। यह जानते हुए भी कि वह अब कभी अपने पुराने काम पर नहीं लौट पाएंगे। पूर्वी बेंगलुरु के टेनरी रोड के बूचड़खाने में दशकों से उनके हाथ मांस के इस मुश्किल और मेहनत से भरे काम को अंजाम देते आ रहे थे। काम करते-करते उनकी हथेलियां सख्त और खुरदरी हो गईं हैं। ये...
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स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरमेंट 2022 रिपोर्ट: 17 प्रमुख लक्ष्यों को पाने में चूक सकती है सरकार
-डाउन टू अर्थ, भारत ऐसे कम से कम 17 प्रमुख सरकारी लक्ष्यों को पाने की दिशा में पीछे है, जिनकी समय-सीमा 2022 है। एक मार्च को जारी एनुअल स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरमेंट 2022 रिपोर्ट के मुताबिक, इस धीमी गति के चलते भारत समय-सीमा में इन लक्ष्यों को हासिल करने से चूक सकता है। यह रिपोर्ट केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने जारी की। रिपोर्ट डाउन टू अर्थ मैगजीन...
More »बजट 2022-23: क्या सार्वजनिक निवेश पर आधारित विकास रणनीति वांछनीय और विश्वसनीय है?
-आइडियाज फॉर इंडिया, सरकार ने सकल घरेलू उत्पाद के अनुपात के रूप में सार्वजनिक निवेश को बढ़ाने की इच्छा रखते हुए वर्ष 2022-23 के बजट में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है। इस संदर्भ में, आर. नागराज भारत के वर्तमान नीति अभिविन्यास और उद्योग एवं बुनियादी अवसरंचना में हाल में किये गए निवेश के परिणामों की जांच करते हैं। वे तर्क देते हैं कि उद्योग पर...
More »भारत में जून से अक्टूबर के बीच आ सकती है कोविड-19 की चौथी लहर- IIT कानपुर की स्टडी
-द प्रिंट, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में कहा है कि भारत में कोरोनावायरस संक्रमण की चौथी लहर जून और अक्टूबर के बीच भारत में आ सकती है. उनका कहना है कि चौथी लहर 22 जून 2022 से शुरू होगी और 23 अगस्त 2022 तक चरम पर पहुंचेगी और फिर 24 अक्टूबर 2022 तक समाप्त हो जाएगी.’ यह अध्ययन मेडरिव पत्रिका में हाल में प्रकाशित हुआ है और...
More »आर्थिक असमानता: पूंजीवाद बनाम समाजवाद
-न्यूजक्लिक, पिछले कुछ अर्से में आर्थिक असमानता में हुई भारी बढ़ोतरी के संबंध में काफी कुछ लिखा गया है और ऑक्सफैम जैसी संस्थाओं ने अनेकानेक, हैरत में डाल देने वाले आंकड़े प्रस्तुत किए हैं। ये आंकड़े इनीक्वेलिटी किल्स शीर्षक की रिपोर्ट में पेश किए गए हैं। ये आंकड़े बताते हैं कि महामारी के आने के बाद से, दस सबसे धनवानों की संपदा दोगुनी हो गयी है, जबकि दुनिया की 99 फीसद...
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