नई दिल्ली [सुरेंद्र प्रसाद सिंह], नाम राष्ट्र का, काम महाराष्ट्र का। देश को दालों और खाद्य तेलों की किल्लत से बचाने की केंद्र सरकार की दलहन-तिलहन बीज गांव योजना का असल क्रियान्वयन कृषिमंत्री शरद पवार के गृह राज्य में होगा। योजना के तहत सात राज्यों के जिन असिंचित गांवों का चयन किया गया है, उनमें सर्वाधिक 14,400 गांव महाराष्ट्र के हैं। दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के केवल 5,400 गांवों को शामिल किया गया है। जबकि मध्य प्रदेश...
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खेतों के लिए चाहिए 270 सरकारी नलकूप
रुड़की (हरिद्वार)। खेतों की प्यास बुझाने के लिए हरिद्वार जनपद को अभी 270 और सरकारी नलकूप चाहिए। इन नलकूपों का प्रस्ताव नलकूप खंड सिंचाई विभाग से शासन को भेजा जा चुका है, लेकिन पहले चरण में भगवानपुर ब्लाक क्षेत्र में 58 नलकूपों के निर्माण को ही हरी झंडी मिलने के आसार हैं। हरिद्वार जनपद में करीब 38 हजार हेक्टेयर भूमि असिंचित है। हालांकि इस असिंचित क्षेत्र को सींचने के लिए सिंचाई विभाग के पास...
More »चुनाव से बंगाल में पहले होगी दूसरी हरित क्रांति
नई दिल्ली [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। विधानसभा चुनाव होने के नाते पश्चिम बंगाल में सबसे पहले 'हरित क्रांति' होगी। केंद्र सरकार ने बजट में घोषित 400 करोड़ रुपये की दूसरी हरित क्रांति योजना में से 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि पश्चिम बंगाल को दे दी है। यह वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी का गृह राज्य भी है। दूसरी हरित क्रांति के लिए चुने गए बाकी पांच राज्यों को थोड़ा-थोड़ा 'चूरन' बांट दिया गया है। उन्नतशील...
More »कृषि, कर्ज और महंगाई की चुनौतियां
नई दिल्ली [भारत डोगरा]। जहां एक ओर कृषि नीति के सामने महंगाई व किसानों के कर्ज की ज्वलंत समस्याएं हैं, वहीं दूसरी ओर जलवायु बदलाव के संकट से जूझना भी जरूरी है। वैसे तो पहले भी यह बार-बार अहसास हो रहा था कि न्याय, समता व पर्यावरण हितों की रक्षा और खेती में टिकाऊ प्रगति के लिए कृषि-नीति में बदलाव जरूरी हो गए हैं। अब जब जलवायु बदलाव के कुछ दुष्परिणाम नजर आने लगे हैं और...
More »जेंडर बजट 2011 में बिहार की नयी ऊंचाई
पटना। अवधारणा के स्तर पर हुए परिवर्तन ने बिहार में जेंडर बजट को नयी ऊंचाई दी है। दो वर्ष पूर्व 2008 में पहली बार बजट में स्त्री पक्ष की हिस्सेदारी सुनिश्चित हुई। सरकार ने इस तथ्य को पहचाना कि लोक व्यय में जब तक आधी आबादी के सबलीकरण के लिए ठोस प्रबंध नहीं होगा, आधी जनसंख्या की विकास में भागीदारी नहीं हो सकेगी। इसी पैटर्न पर योजनाओं को दो श्रेणी में बांटा गया और फिर...
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