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पूंजी खेल की हकीकत- हरिवंश

चलते-चलते एक लेख में इस पुस्तक की चरचा की थी. आज के माहौल में इसे हर भारतीय को पढ़ना चाहिए. वह सच, जानने के लिए, जो लोगों से छुपाया जाता है. वह पद्धति-प्रक्रिया समझने के लिए, जिसके तहत भारत से पैसे-पूंजी बेधड़क स्विस या विदेशी बैंकों या टैक्स हेवेन (कर चोरी के लिए स्वर्ग या नितांत सुरक्षित) में जा रहे हैं. इसमें कौन लोग हैं? मीडिया का असली चेहरा भी...

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लोकपाल: गुस्‍साए अन्‍ना ने दी फिर अनशन की चेतावनी

नई दिल्‍ली. पीएम और न्‍यायपालिका को लोकपाल के दायरे में रखे जाने पर सिविल सोसायटी और सरकार के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। अन्‍ना हजारे ने आज कहा है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो उन्‍हें दोबारा अनशन करना पड़ेगा। इस पर दिग्विजय सिंह ने उन्‍हें संविधान का आदर करने की नसीहत दी है। अन्‍ना हजारे ने कहा कि वो सरकार के रवैये से बेहद निराश हैं। उन्‍होंने कहा, 'यदि...

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लोकपाल या समानांतर सुप्रीम कोर्ट

राइट टू इनफॉरमेशन एक्ट के अंतर्गत दी हुई सूचना के अनुसार, तीन करोड़ मुकदमे भारत के न्यायालयों में विचाराधीन हैं. इनमें 30 लाख मुकदमे 21 हाइकोर्ट में और 39780 मुकदमे सुप्रीम कोर्ट में हैं. ऐसी परिस्थिति में भ्रष्टाचार स्वाभाविक है. भ्रष्टाचार की जड़ें अनिर्णित न्यायिक व्यवस्था में निहित हैं. किसी भी भ्रष्टाचारी को वर्तमान न्यायालयों की कार्यप्रणाली में सजा दिलाना असंभव सा है. इसी से भ्रष्टाचार को प्रोत्साहन मिलता है. न्यायालयों पर...

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कठिन है कालेधन की वापसी- पुष्परंजन

काले धन की वापसी के लिए भारत सरकार ने स्विट्जरलैंड को क्या कोई पत्र भेजा है? ज्यूरिच से लेकर बर्न तक के कूटनीतिक नहीं जानते कि अब तक ऐसा कोई आग्रह भारत सरकार की ओर से आया है. काले धन की वापसी और काले धन वाले बैंक खातों की जानकारी, ये दो अलग-अलग विषय हैं. इन दोनों विषयों के बारीक फ़र्क को समझना होगा. ट्यूनीशिया से भगाये गये तानाशाह बेन अली और...

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राजशक्ति बनाम बाबाशक्ति- योगेन्द्र यादव

बेताल ने विक्रमादित्य से पूछा,‘कल तक जो सरकार बाबा रामदेव के सामने बिछी जा रही थी, वही अचानक दल-बल सहित उनके आंदोलन पर चढ़ क्यों बैठी? अगर बाबा लोकशक्ति के प्रतीक हैं तो सरकार की हिम्मत कैसे हुई कि उनके अनशन को तोड़े? अगर बाबा झूठे हैं, तो सरकार उनसे इतनी डरी क्यों थी?’ इक्कीसवीं सदी के बेताल और विक्रमादित्य किसी पेड़ नहीं बल्कि एक बड़ी टीवी स्क्रीन के नीचे...

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