जनसत्ता 17 अक्टुबर, 2012: भूमंडलीकरण का दौर शुरू होने के बाद, कई दूसरे कामों में लगे लोगों का राजनीति में वर्चस्व बढ़ा है। राजनीति में पहले किसी राजनीतिक संगठन का कार्यकर्ता होने की शर्त होती थी। अलबत्ता कुछेक दूसरे पेशों के लोग भी राजनीति में अपना प्रभाव रखते थे। इनमें खासकर वकील होते थे। लेकिन उनकी राजनीतिक सक्रियता कार्यकर्ताओं और राजनीतिक संस्कृति के दबाव में रहती थी। राजनीतिक संस्कृति से तात्पर्य उस...
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आंदोलनों से सीखा जिंदगी का ककहरा- गुंजेश की रिपोर्ट
1951 के आसपास जब जयपाल सिंह और उनकी झारखंड पार्टी आदिवासियों के लिए भारतीय संघ के भीतर स्वायत्तता का रास्ता ढूंढ़ रहे थे, उसी वक्त पूर्वोत्तर भारत में नगाओं का अतिवादी समूह अलग राष्ट्र के सपने देख रहा था. ऐसे समय में हजारों मील दूर पंजाब की फरीदकोट छावनी में एक फौजी परिवार के यहां एक लड़की ने जन्म लिया. 1964-68 में यह लड़की परिवार के साथ शिलांग पहुंचती है. जहां फौजी...
More »इंजीनियरिंग की फीस पांच गायें - ।।अजय कुमार सिंह।।
बक्सर जिले के डुमरांव अनुमंडल स्थित अरियांव गांव में वर्ष 2008 में विद्या दान सोसायटी की स्थापना किसानों के सहयोग से सूर्य कुमार सिंह ने की. इस सोसायटी से पहले प्रोजेक्ट के रूप में गांव में लाइब्रेरी का निर्माण कराया गया. दूसरे प्रोजेक्ट के रूप में गांव में हेल्थ केयर सेंटर की शुरुआत हुई. धीरे-धीरे यह सोसायटी विकास के मार्ग पर आगे बढ़ता गया और विद्या दान इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी...
More »सरकार की खनन नीति से भारत की समृद्ध जैवविविधता खतरे में: ग्रीनपीस
नयी दिल्ली...हैदराबाद, सात अक्तूबर (एजेंसी) सरकार की खनन नीति से देश की जैवविविधता और बाघों के पर्यावासों को नुकसान पहुंचने का आरोप लगाते हुए एक गैर सरकारी संगठन ने आज वन्य क्षेत्रों में कोयला खदानों की विस्तार योजना पर फिर से विचार करने की मांग सरकार से की। हैदराबाद में संयुक्त राष्ट्र के जैवविविधता सम्मेलन शुरू होने से कुछ घंटे पहले एनजीओ ग्रीनपीस ने सरकार से कहा है कि देश की सीमाओं के अंदर...
More »गायब हो गई गरीबी के सरकारी आंकड़ो की पोल खोलने वाली रिपोर्ट
क्या आपको अर्जुन सेनगुप्ता समिति की रिपोर्ट की याद है? यही थी वह रिपोर्ट जिसने सरकार के गरीबी के आंकड़ों को झुठलाते हुए कहा कि तकरीबन 80% भारतीय रोजना 20 रुपये से भी कम की आमदनी में गुजारा करने को बाध्य हैं।नेशनल कमीशन फॉर इन्टरप्राइजेज इन द अनआर्गनाइज्ड सेक्टर के नाम से जानी गई यह रिपोर्ट अब सूचनाओं के सार्वजनिक जनपद से गायब है। नेशनल कमीशन फॉर इन्टरप्राइजेज इन द अनआर्गनाइज्ड सेक्टर की वेबसाइट अब...
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