वंदना शिवा राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय मंचों पर खेती के सवाल पर लगातार लड़नेवाली लड़ाका हैं. वे इंटरनेशनल फोरम आन ग्लोबलाईजेशन की सदस्य हैं. उनसे एक महत्वपूर्ण बातचीत.विस्फोट डाट कॉम से साभार) दूसरी हरित क्रांति की बात हो रही है. आपकी असहमति और सहमति किसरूप में रेखांकित होती है? मैंनेजब 1984 में हरित क्रांति का विरोध शुरू किया था तो इसके पीछे एक मकसद था। कहा जाताथा कि पंजाब में हरित क्रांति से...
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मलेरिया के परजीवी को मारेगी हल्दी!
कुरुक्षेत्र [राजेश चौहान]। मलेरिया के परजीवी को अब हल्दी से काबू पाया जाएगा। हल्दी में पाया जाने वाला क्यूरकोनिन पदार्थ मलेरिया को तीन दिन में परास्त कर रोगी को स्वस्थ करेगा। पशुओं पर इस ट्रायल को शत-प्रतिशत सफलता मिली है और क्लीनिकल ट्रायल का पहला चरण जारी है। पद्मभूषण तथा भारतीय विज्ञान संस्थान के प्रोफेसर जी पद्मनाभन ने मलेरिया के अचूक इलाज का यह फार्मूला खोजा है। सोमवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में गोयल पुरस्कार से...
More »रोजाना दो हजार बच्चों को बांटता था ‘मीठा जहर’
जयपुर. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने रविवार को दो आइसक्रीम फैक्ट्रियों पर छापा मारकर सैपल लिए। एक फैक्ट्री गंदगी के ढेर के बीच चल रही थी तो दूसरी में सैक्रीन का उपयोग किया जा रहा था। सैक्रीन शरीर के लिए घातक साबित हो सकती है, इसलिए आइसक्रीम या कोल्ड ड्रिंक्स बनाने में इसका इस्तेमाल करना गैरकानूनी है।कालवाड़ रोड स्थित कृष्णा आइसक्रीम फैक्ट्री में सफाई का कतई ध्यान नहीं रखा गया था। जिन आइसबॉक्स में...
More »महंगाई के खिलाफ खोखली पहल
नई दिल्ली [घनेंद्र सिंह सरोहा]। आईपीएल, सानिया की शादी और मोदी-थरूर विवाद के बीच बीते दिनों एक खबर महंगाई पर भी आई थी। अक्सर विपक्ष कहता है कि मीडिया हमेशा बुनियादी मुद्दों को छोड़ ग्लैमरस चीजों के पीछे भागता है। तो मंहगाई पर कटौती प्रस्ताव लाने वाला विपक्ष संसद में शशि थरूर और उनकी महिला मित्र सुनंदा के बीच कौन-सा बुनियादी मुद्दा ढूंढ़ रहा है। यहा विपक्ष या मीडिया की गलतिया ढूंढ़ने का इरादा...
More »गर्मी झेलिए क्योंकि खूब बरसेंगे बदरा
नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। थोड़े से कष्ट के बदले ढेर सारी खुशी मिले तो क्या हर्ज है। यही सोचकर चिलचिलाती गर्मी झेलते रहिए। इस गर्मी में अच्छे मानसून के संकेत छुपे हैं। और, जब बदरा जमकर बरसेंगे तो फसलों की बुआई और कटाई जल्दी होगी। अच्छी बारिश से पैदावार बढ़ेगी और समय से बाजार में आएगी। नतीजतन, जिन्सों की जमाखोरी करने वाले अपना माल बाजार में निकालेंगे, जिसका असर कीमतों में गिरावट के रूप में...
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