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2018-19 में चुनावी बॉन्ड से भाजपा को 1,450 करोड़ व कांग्रेस को 383 करोड़ रूपए मिले : एडीआर

चुनाव सुधार के लिए काम करने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के अनुसार 2018-19 में भाजपा को चंदे में 2,410 करोड़ रुपये मिले. जिसमें 1,450 करोड़ रुपये चुनावी बॉन्ड के जरिए आए. वहीं, कांग्रेस को चंदे में 918.03 करोड़ रुपये मिले, जिनमें 383.26 चुनावी बॉन्ड के जरिए आए. बुधवार को जारी एडीआर के एक विश्लेषण के अनुसार, वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान, छह राष्ट्रीय दलों में से केवल भाजपा, कांग्रेस और...

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‘हम दर-दर भटकना नहीं चाहते, हमें बंधुआ मज़दूरी से मुक्ति मिले और हमारा पुनर्वास हो’

बंधुआ मज़दूरी प्रथा को 44 साल पहले यानी 1976 में भले ही ग़ैर-क़ानूनी घोषित किया गया हो, लेकिन अब भी रह-रहकर इसे जुड़ी ख़बरें आती ही रहती हैं. लेकिन न तो मुख्यधारा का मीडिया इन ख़बरों को जगह देता है और न ही सरकार द्वारा इन घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए कोई पुख़्ता कदम उठाए जाते हैं. केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के जम्मू की राजौरी तहसील में दो ईंट-भट्ठों...

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मोटे अनाज की प्रोसेसिंग से बना सकते हैं 60 से अधिक उत्पाद

एक समय था जब दक्षिण भारत और उत्तर भारत के कई राज्यों में मोटे अनाज की खेती होती थी, लेकिन कम उत्पादन, मार्केट की समस्या से किसानों ने मोटे अनाज की खेती से मुंह मोड़ लिया। लेकिन एक बार फिर किसान इसकी खेती की तरफ लौट रहे हैं।   भारतीय कदन्न अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक किसानों को सावां, कोदो, कुटकी, ज्वार, बाजरा जैसे मोटे अनाज से उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण दे रहे...

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2018 में 23,764 लोगों ने बीमारियों के चलते आत्महत्या की, पंजाब में सबसे अधिक

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ताजा रिपोर्ट बताती है कि साल 2018 में हुई कुल 1,34,516 आत्महत्याओं ने 17.7 प्रतिशत आत्महत्या बीमारियों के कारण हुईं। पारिवारिक कारणों के बाद बीमारियां आत्महत्या का दूसरा सबसे बड़ा कारण हैं। एनसीआरबी के अनुसार, साल 2018 में बीमारियों के चलते कुल 23,764 लोगों ने जान दी। इनमें मानसिक रोगों के कारण जान देने वाले रोगियों के संख्या सबसे अधिक है। 2018 में कुल 10,134...

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संकट में कर्नाटक के कॉफी किसान, बाढ़, सूखे से परेशान होकर बागान बेच रहे या आत्महत्या कर रहे

इस कड़ाके की ठंड में हमें गरमा-गरम कॉफी खूब भाती है। इसके लिए हम किसी रेंस्त्रा या कॉफी हाउस में 200-400 रुपए बड़ी आसानी से खर्च भी कर देते हैं, लेकिन क्या कभी कॉफी पीते समय हमने कॉफी की खेती करने वाले किसानों के बारे में सोचा है ? शायद आपका जवाब ना में ही आये। तो आपको बता दूं कि देश के सबसे बड़े कॉफी उत्पादक प्रदेश कर्नाटक के...

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