नयी दिल्लीः अगले पांच सालों में देश के गरीबों को सस्ती कीमतों पर आवासी उपलब्ध कराने के लिए सरकार की आेर से शुरू की गयी प्रधानमंत्री आवास योजना की कछुआ चाल को देख पीएम नरेंद्र मोदी ने नाराजगी जाहिर की है. बीते दिनों राज्यों के सचिवों के साथ वीडियाे काॅन्फ्रेंसिंग के जरिये की गयी बैठक में उन्होंने देश के राज्यों के सचिवों को प्राथमिकताआें के आधार पर एक रोडमैप पीएमआे...
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पहाड़ी कोरवाओं की बेंवर--- खेती बाबा मायाराम
छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है लेकिन यहां ऐसे समुदाय भी हैं, जो धान की खेती नहीं करते। उनमें से एक समुदाय है पहाड़ी कोरवा। पहाड़ी कोरवा उन आदिम जनजाति में एक है जिनका जीवन पहाड़ों व जंगलों पर निर्भर है। यह आदिवासी पहाड़ों पर ही रहते हैं और इसलिए इन्हें पहाड़ी कोरवा कहते हैं। ये लोग बेंवर खेती करते हैं जिसमें सभी तरह के अनाज एक...
More »क्या ‘मिड डे मील’ शिक्षा में घुन है?-- मणीन्द्र ठाकुर
ग्रामीण विद्यालयों में शिक्षा की हालत कैसी है? यदि आप इस सवाल को लेकर नीतिकारों के पास जायेंगे, तो लगेगा कि अब भारत को विश्वगुरु बनने से कोई नहीं रोक सकता है. क्योंकि बिहार के गांवों में भी लगभग सौ फीसदी बच्चे विद्यालय जाने लगे हैं. लेकिन, धरातल पर कहानी कुछ और है. पिछले दिनों किसी गांव के एक विद्यालय में जाने का मौका मिला, जहां साठ-सत्तर के दशक तक...
More »किसानी का तीर्थ बनता तिउसा गांव --- बाबा मायाराम
महाराष्ट्र का एक गांव है तिउसा। यवतमाल से सोलह किलोमीटर दूर। यह गांव किसानों के लिए तीर्थ बन गया है। तीर्थ जहां कुछ अच्छाई है, किसान जहां अपना भविष्य देख रहे हैं। यहां बड़ी संख्या में किसान आ रहे हैं। खेती-किसानी की बारीकियां सीख रहे हैं। यहां के प्रयोगधर्मी किसान सुभाष शर्मा कई मायने में अनूठी खेती कर रहे हैं, जिसे वे सजीव खेती कहते हैं। हाल ही मैं अपने कुछ...
More »शिक्षा व्यवस्था और चिंतन-- सय्यद मोबीन जेहरा
इन दिनों बड़े-बड़े विश्वविद्यालयों में प्रवेश को लेकर भागदौड़ मची हुई है. बारहवीं की परीक्षा अच्छे नंबरों से पास करनेवाले बच्चे तक ऐसे परेशान घूम रहे हैं, जैसे दो-चार अंक कम लाकर उन्होंने कोई अपराध कर दिया हो. कई ऐसे भी बच्चे मिले जिनका यह दावा है कि उन्हें किसी एक विषय में जितने अंक मिलने चाहिए थे, वे नहीं मिले हैं, लेकिन स्नातक में प्रवेश की चिंता में वे...
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