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महंगाई को अभी और आसमान चढ़ना है!

विश्वस्तर पर खाद्य-पदार्थ की कीमतों के मामले में मुद्रास्फीति के घटने के रुझान हैं। बहरहाल, आशंका यह है कि भारत के मामले में यह बात लागू ना हो पाये क्योंकि डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत गिर रही है।एफएओ ने हाल ही में खाद्य-पदार्थों की कीमतों से संबंधित अपना सूचकांक जारी किया है। इससे जाहिर होता है कि जुलाई महीने में भी विश्वस्तर पर कीमतों की मुद्रास्फीति में कमी हुई...

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भोजन के वादे की हकीकत ।। देविंदर शर्मा ।।

खाद्य सुरक्षा कानून संबंधी अध्यादेश पर राष्ट्रपति ने अपनी मुहर लगा दी है. अब हर नागरिक को ‘भोजन का अधिकार' हासिल करने में सरकार मददगार की भूमिका निभायेगी. हालांकि, केंद्र सरकार पिछले कई वर्षो से इस कानून को लाने की कवायद में जुटी थी, लेकिन जानकारों का मानना है कि यह फैसला चुनाव नजदीक आते देख लिया गया है. इस पूरे मामले में सरकार का पक्ष और इस कानून से किन्हें...

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सबसे बड़ा खाद्यान्न निर्यातक बनेगा भारत

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। कभी दुनिया के आगे अनाज के लिए हाथ फैलाने वाला भारत जल्दी ही सबसे बड़ा खाद्यान्न निर्यातक देश बन जाएगा। इतना ही नहीं ग्लोबल स्तर पर खाद्यान्न की कीमतें भारत के किसान तय करने लगेंगे। केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने यह दावा 16वें भारतीय सहकारी कांग्रेस में किया है। उन्होंने कहा कि ग्लोबल स्तर पर चावल व गेहूं निर्यात में भारत प्रमुख देश बन चुका...

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खाद्यान्न निर्यात में तेजी लाने के लिए केंद्र सरकार गंभीर- आर एस राणा

पहल - मौजूदा स्थिति पर समीक्षा के लिए दो मई को सचिव स्तरीय बैठक समीक्षा के बिंदु गेहूं व गैर-बासमती चावल के घरेलू स्टॉक पर विचार होगा खाद्यान्न के मौजूदा निर्यात की स्थिति आकी जाएगी अगले महीनों में वैश्विक सप्लाई की भी होगी समीक्षा अंतरराष्ट्रीय बाजार में संभावित मूल्य स्तर पर तय होगी नीति आगामी महीनों में विश्व बाजार के संभावित परिदृश्य पर ही तय होगी निर्यात नीति देश में गेहूं व चावल की अच्छी पैदावार और...

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सुधारों की दिशा और आम आदमी( पू्र्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के जन्मदिवस पर प्रभात खबर की विशेष प्र?

भारत में आर्थिक सुधारों को लागू किये जाने के 22 वर्ष बाद भी इस पर मंथन का दौर जारी है. पिछले दो दशकों के अनुभव हमें बता रहे हैं कि आर्थिक उदारीकरण के पैरोकारों ने जिस स्वर्णिम भविष्य का हमसे वादा किया था, वह सच्चाई से दूर, छल से भरा हुआ और भ्रामक था. इन वर्षों में आर्थिक उदारीकरण विकास के चमचमाते आंकड़ों पर सवार होकर हम तक जरूर आया,...

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