मित्रों, केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार, ग्रामीण विकास पर सब का जोर है. गांवों के विकास से ही देश का विकास संभव है, यह सभी जानते हैं. देश की 70 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है, यह सच भी सब को पता है. जाहिर है कि विकास के सवाल पर जब भी बात होगी, गांव उसका सबसे बड़ा विषय होगा. आजादी से अब तक गांवों के विकास के लिए सरकार ने अनेक...
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एकल महिलाओं को बचत, ऋण, व्यवसाय का गुर सिखाता है दीदी बैंक- राधेश सिंह राज
सरकार की सारी योजनाओं के लाभ को दरकिनार करते हुए खुद को साबित करने के उद्देश्य से नवचिराग महिला समिति के कार्य एकल महिलाओं के समक्ष मॉडल साबित हो रहा है. आज की तिथि में न सिर्फ पूरे झारखंड राज्य बल्कि देश की एकल महिलाओं के समक्ष उदाहरण बन कर पेश हो रही है. नवसृजित आनंदपुर प्रखंड के पृथक होने से पूर्व आनंदपुर प्रखंड की महिलाओं ने नव चिराग महिला समिति...
More »21वीं सदी में गांव की उम्मीद की डोर
रांची जिले के बुढ़मू में मनरेगा की एक योजना के तहत कुआं निर्माण का कार्य करती युवतियां इस बात का प्रमाण हैं कि 21वीं सदी में गांव को ऐसे कानून व कार्यक्रम मिले हैं, जिनसे उनका पलायन रुके व उन्हें घर पर ही रोजी-रोटी मिले. इस तरह के और भी कई कार्यक्रम व कानून हैं, जिससे गांवों की सूरत पिछली सदी की तुलना में काफी बदल गयी है. हालांकि इनके...
More »मां ने लिया समूह से ऋण, बेटी को बनाया स्वावलंबी- शिकोह अलबदर
रांची जिले के नामकुम प्रखंड से रिंग रोड पर जायें. यहां से कुछ दूरी पर एक रास्ता नचलदाग गांव की ओर मुड़ जाता है. शहर से करीब चालीस किलोमीटर दूर एक सुदूरवर्ती गांव है : नचलदाग. गांव में कुछ अद्भुत बदलाव हुए हैं. गांव की सामाजिक, आर्थिक स्थिति बदल रही है. ना सिर्फ आर्थिक और सामाजिक बदलाव यहां हुए हैं, बल्कि ग्रामीणों की जीवनशैली में आ रहे बदलाव भी प्रशंसनीय है....
More »पार्टी की राजनीति ने गांव की एकता को तोड़ दिया है : राधा भट्ट
गांधी और उनके ग्राम स्वराज के सपने पर नयी दिल्ली स्थित गांधी शांति प्रतिष्ठान की अध्यक्ष और प्रसिद्ध गांधीवादी राधा भट्ट्र से पंचायतनामा के लिए संतोष कुमार सिंह ने बातचीत की. प्रस्तुत है प्रमुख अंश : अक्सर इस बात पर चर्चा होती है कि भारत गांवों का देश है, देश की प्रगति तभी संभव होगी जब गांवों की प्रगति होगी? लेकिन वास्तविकता के धरातल पर इस चर्चा को कितनी जगह मिल पायी...
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