वर्ष 2015-16 के बारे में एसोसिएशन फाॅर डेमोक्रेटिक रिफाॅर्म्स (एडीआर) की ताजा रपट बताती है कि हमारे लोकतंत्र का हिसाब गड़बड़ है. आयकर विभाग की सारी चुस्ती राजनीतिक दलों के दरवाजे पर आकर ठिठक जाती है और चुनाव आयोग भी उन अंधेरे हिस्सों में रोशनी डालने की कोशिश नहीं करता, जो पार्टियों के गुप्त तहखाने कहे जा सकते हैं. यह स्थितियां फिर हमारे लोकतंत्र को पारदर्शी और नैतिकता पर आधारित...
More »SEARCH RESULT
अपराध के प्रति दोहरा मापदंड क्यों-- आकार पटेल
कुछ दिनाें पहले अमेरिकी शहर लास वेगास में एक व्यक्ति ने संगीत आयोजन में शामिल 58 लोगों की हत्या कर दी. उसने भीड़ पर एक घंटे से अधिक समय तक मशीनगन से गोलियां बरसायीं और 500 से अधिक लोगों को घायल कर दिया. इस घटना को अमेरिकी पुलिस ने आतंकवादी घटना मानने से इनकार कर दिया, क्योंकि व्यक्ति ने अकेले ही इस कृत्य को अंजाम दिया था. हत्यारा ईसाई था....
More »आधार पर रोक की उम्मीद -- आकार पटेल
पंद्रह वर्ष पहले जिस समाचार पत्र का मैं संपादन करता था, उसमें सलमान खान और ऐश्वर्या राय की एक बातचीत छपी थी. बातचीत में प्रीटी जिंटा का भी जिक्र था, जिन पर सलमान खान ने अश्लील टिप्पणी की थी. इससे नाराज होकर जिंटा ने मेरे खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर कर दिया था. कुछ वर्षों तक मुकदमा चला और फिर उन्होंने इसे वापस ले लिया था. बहरहाल, इस मामले में...
More »अंधविश्वास विरोधी कानून-- सुभाष गताडे
झारखंड पिछले दिनों दो घटनाओं के चलते देश भर में सूर्खियों में रहा. पहली घटना में जहां चोटीकटवा होने के आरोप में एक गरीब महिला की लोगों ने पीट-पीट कर हत्या कर दी, तो दूसरी घटना में दुमका की एक महिला ने अपनी संतान को कुएं में फेंक दिया और अपनी चोटी खुद काट ली. ऐसी घटनाओं के लिए इन दिनों कोई राज्य, कोई इलाका अपवाद नहीं हैं. मामला महज...
More »अंतिम समाधान तो पुलिस ही है-- विभूति नारायण राय
दुनिया भर का अनुभव बताता है कि नागरिक असंतोष यदि समय से सुलझाया न जा सके और उसे अनुकूल खाद-पानी मिले, तो अंततोगत्वा वह एक सशस्त्र प्रतिरोध में तब्दील हो जाता है। खास तौर से जब धर्म जैसा कोई मजबूत दर्शन इसके पीछे हो और बिना किसी गंभीर प्रयास के सरकारें सिर्फ लीपापोती कर रही हों, तब स्थिति अधिक बिगड़ सकती है। शुरुआत में तो इस उभार का सामना नागरिक...
More »