स्थायी विकास पर हुए रियो सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन के मसले पर दुनिया के 100 देशों के प्रमुखों ने संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन को स्वीकार किया था, लेकिन आज 23 वर्ष बाद दुनिया एक बार फिर से चौराहे पर खड़ी है कि आगे के कदम किस तरह उठाए जाएं। कई देश चाहते हैं कि सभी देशों की जवाबदेही को सुनिश्चित करने के लिए उन्हें एक कानूनी संधि से जोड़ा अथवा...
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दो अतियों के बीच स्वास्थ्य सेवा- अतुल गवांडे
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में मेडिसिन के प्रोफेसर अतुल गवांडे, जो एक सर्जन होने के साथ-साथ लेखक, विचारक और राजनीतिक विश्लेषक भी हैं, ने बीबीसी रीथ लेक्चर्स के तहत 2014 में चिकित्सा का भविष्य पर चार भाषण दिये. आज हम चौथा लेक्चर प्रकाशित कर रहे हैं, जो उन्होंने दिल्ली में दिया. इसका विषय था-‘द आइडिया ऑफ वेलबीइंग' (अच्छी सेहत की परिकल्पना). इसमें उन्होंने बताया कि एक तरफ लोगों की चिकित्सा तक...
More »छह नई तकनीकों से नहीं पड़ेगा जलवायु परिवर्तन का दुष्प्रभाव
एक्सक्लूसिव, रायपुर। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के कृषि वैज्ञानिकों ने प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन के लिए छह नई तकनीक ईजाद की है। कृषि वैज्ञानिकों का दावा है कि यदि इन तकनीकों का सही तरीके से इस्तेमाल किए जाए तो छत्तीसगढ़ में जलवायु परिवर्तन का दुष्प्रभाव नहीं पड़ेगा। इनमें भाटा (बंजर) भूमि विकास तकनीक, वर्षा जल संरक्षण के लिए डबरी तकनीक, उन्नत खुर्रा बोनी तकनीक, एकीकृत कृषि पद्धति तकनीक, सूखा रोधी...
More »विदेशी फसल टाऊ को अपना लिया सरगुजिहा किसानों ने
अंबिकापुर(निप्र)। छत्तीसगढ़ का शिमला कहे जाने वाले मैनपाट में विदेशी फसल टाऊ को अब न सिर्फ तिब्बती बल्कि स्थानीय किसानों ने अपना लिया है। स्थानीय किसानों ने इस बार लगभगर 10 हजार हेक्टेयर में टाऊ की फसल ली है। पूरा मैनपाट टाऊ की फसल से लहलहा उठा है। प्राकृतिक रूप से सुंदर मैनपाट में टाऊ के फूल सैलानियों को भी अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। सैलानियों के लिए जरूर...
More »खरगोन जिले से छिन सकता है मिर्च का 'लाल ताज'
विवेक वर्द्धन श्रीवास्तव, खरगोन। पिछले कुछ वर्षों से जिले की मिर्च जैसी उपज ने एशिया में अपनी खास जगह बनाई है। भारत में आंध्रप्रदेश के गुंटूर को उत्पादकता व गुणवत्ता में टक्कर देकर इस क्षेत्र ने अपना ध्यान खींचा। परंतु इस वर्ष मिर्च के क्षेत्र में उपलब्धि का 'लाल ताज' छिन सकता है। यहां फैले वायरस ने ना केवल फसलें बर्बाद कर दी बल्कि उत्पादकता पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाला। किसान...
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