आज विश्व जल दिवस है। हर साल यह दिन 22 मार्च को स्वच्छ पानी के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है। इस बार जल दिवस की विषय-वस्तु है, पेय जल की गुणवत्ता। पानी के महत्व का अहसास प्यास लगने पर ही होता है। पानी का कोई विकल्प नहीं है। इसकी एक-एक बूंद अमृत है। विश्वास करें, अगर अमृत है, तो यही है। अत:...
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हमारी नादानी से नदारद न हो जाएं नदियां
इसे अपनी संस्कृति की विशेषता कहें या परंपरा, हमारे यहा मेले नदियों के तट पर, उनके संगम पर या धर्म स्थानों पर लगते हैं और जहा तक कुंभ का सवाल है, वह तो नदियों के तट पर ही लगते हैं। आस्था के वशीभूत लाखों-करोड़ों लोग आकर उन नदियों में स्नानकर पुण्य अर्जित कर खुद को धन्य समझते हैं, लेकिन विडंबना यह है कि वे उस नदी के जीवन के बारे में कभी भी नहीं सोचते।...
More »भटिण्डा के पानी में यूरेनियम, रेडियम और रेडॉन
पंजाब के मालवा इलाके के भटिण्डा जिले और इसके आसपास का इलाका "कॉटन बेल्ट" के रूप में जाना जाता है, तथा राज्य के उर्वरक और कीटनाशकों की कुल खपत का 80% प्रतिशत इसी क्षेत्र में जाता है। पिछले कुछ वर्षों से इस इलाके में कैंसर से होने वाली मौतों तथा अत्यधिक कृषि ॠण के कारण किसानों की आत्महत्या के मामले सामने आते रहे हैं। इस इलाके के लगभग 93% किसान...
More »भारत में भूजल का घटता भंडार
अमेरिकी संस्था नासा ने चिंताजनक शोध जारी किया है. शोध यह है कि पिछले एक दशक के दौरान समूचे उत्तर भारत में हर साल औसतन भूजल स्तर एक फुट नीचे गिरा है. इस शोध का चिंताजनक पहलू यह तो है कि भूजल स्तर गिरा है लेकिन उससे अधिक चिंताजनक पहलू यह है कि इसके लिए सामान्य मानवीय गतिविधियों को जिम्मेदार बताया जा रहा है. 13 अगस्त 2009 को प्रकाशित “नेचर”...
More »खेती पर असर
खास बात • जलवायु परिवर्तन के कारण सालाना वर्षा चक्र पर असर पड़ेगा और भारत के कई इलाके निरंतर बाढ़ और सूखे की चपेट में आएंगे* • जलवायु परिवर्तन के कारण भारत के विभिन्न भागों में तापमान में बढ़ोतरी के साथ फसलों की उत्पादकता में कमी आई है। है।* • भारत से मलेरिया-उन्मूलन करना अब असंभव बनता जा रहा है। देश के कई नये इलाके मलेरिया की चपेट में आएंगे, खासकर उत्तर और...
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