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पुनर्नवा से बढ़ेगा खून, चूली से बनेगी हेल्थ ड्रिंक वाइन

हमीरपुर. हिमाचल में महिलाओं में खून की काफी कमी पाई जाती है। यह बात एनीमिया जांच शिविरों से साबित हो चुकी है। खून की इस कमी को अब औषधीय पौधा पुनर्नवा दूर करेगा। हर्बल गार्डन नेरी में इस प्लांट को बड़े स्तर पर उगा कर इसे घरों में लगाने के लिए लोगों को उपलब्ध करवाया जाएगा। लोअर हिमाचल में इस पौधे के लिए उपयुक्त जलवायु है। वेस्टलैंड और कम पानी में भी कामयाब पुनर्नवा बहुवर्षीय औषधीय...

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बड़े सपनों की पाठशाला का नन्हा हेडमास्टर

  16 साल के बाबर अली का स्कूल बताता है कि बड़े काम बड़ी उम्र के मोहताज नहीं होते. सम्राट चक्रबर्ती की रिपोर्ट(तहलका (हिन्दी) से साभार) प. बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में स्थित बेल्डांगा रेलवे क्रॉसिंग के आस-पास शायद ही ऐसा कुछ हो जो आपको खास लगे. लेकिन कोलकाता से हमारी पांच घंटे की बस यात्रा की मंजिल यहीं थी. मार्क्सवादी सपने दिखानेवाले और शादीशुदा दंपत्तियों की निजी समस्याओं के समाधान...

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भेंटवार्ता जोन पी मेंशे से- वकार अहमद सईद

नृत्त्वशास्त्र की अध्येता जॉन पी मेंशे से की गई यह भेटवार्ता फ्रंटलाइन से साभार ली गई है।   प्रोफेसर जोन पी मेंशे नृत्तत्वशास्त्र की अध्येता हैं। उन्होंने बरसों तक सिटी यूनिवर्सिटी ऑव न्यूयार्क के ग्रेजुएट सेंटर और इसी यूनिवर्सिटी के लेहमान कॉलेज में अपने विषय का अध्यापन किया है। प्रोफेसर मोंशे सेकेंड चांस फाऊंडेशन नामक एक नॉट फॉर प्राफिट संस्था की अध्यक्ष भी हैं। यह संस्था भारत और संयुक्त राज्य...

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तब तो स्वावलंबी हो जाएंगे ग्राम

देहरादून। सूबाई सरकार की अटल आदर्श ग्राम योजना की परिकल्पना यदि साकार हुई तो उत्तराखंड के ये गांव स्वावलंबी हो जाएंगे। पहले चरण में न्याय पंचायत मुख्यालय के 670 गांवों को 31 मार्च 2011 तक संतृप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। इस अटल आदर्श ग्राम योजना के अंगर्तत चयनित गांव में प्राथमिक विद्यालय, आंगनबाड़ी, एएनएम केंद्र, विद्युतीकरण, निर्बल वर्ग आवास, स्वच्छ पेयजल एवं स्वच्छता कार्यक्रम, सड़क मार्ग, बालिका माध्यमिक...

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कोसी का कहर

कोसी का कहर अगस्त 2008 में बिहार के एक बड़े इलाके पर टूट पड़ा। कोसी को कभी बिहार का शोक कहा जाता था। जब यह नदी पूर्णिया जिले में बहती थी तब एक कहावत बड़ी चर्चित थी कि ‘जहर खाओ, न माहुर खाओ, मरना है तो पूर्णिया जाओ।’ इस नदी का यह स्वभाव था कि वह अपना रास्ता बदलती रहती थी। यह कब अपना रुख बदल लेगी, इसका अंदाजा लगाना...

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