एक्शनएड एसोसिएशन (एएए) द्वारा मई 2020 के आखिर तक तीसरे चरण के लॉकडाउन में राष्ट्रीय स्तर पर अनौपचारिक अर्थव्यवस्था पर निर्भर श्रमिकों के बीच सर्वेक्षण (14 मई और 22 मई, 2020 के बीच) किया है, जिसमें महामारी के दौरान प्रवासी श्रमिकों सहित अनौपचारिक श्रमिकों के जीवन और आजीविका में आए बदलावों और प्रभावों, उनके द्वारा अनुभव की गई रोजी-रोटी की अनिश्चितता और उससे निपटने के लिए उनके संघर्षों को दर्ज किया...
More »SEARCH RESULT
भीमा कोरेगांव: बॉम्बे हाईकोर्ट का सामाजिक कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज को ज़मानत देने से इनकार
-द वायर, बॉम्बे हाईकोर्ट ने भीमा-कोरेगांव मामले में आरोपी वकील एवं सामाजिक कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज को जमानत देने से शुक्रवार को इनकार कर दिया. जस्टिस आरडी धानुका की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस साल जून में दायर सुधा भारद्वाज की अपील खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने विशेष अदालत के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें स्वास्थ्य समस्याओं के आधार पर उन्हें जमानत देने से इनकार किया गया था. बॉम्बे हाईकोर्ट ने सुधा भारद्वाज...
More »देश भर में, 11,537 अनियमित कामगारों के साथ की गई सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी की गई, “कोविड-19 के दौर में कामगार.“
-ऐक्शन एड, अनियमित कामगारों के राष्ट्रीय सर्वेक्षण के अनुसार, “लॉकडाउन से अब तक 75% से ज़्यादा कामगार अपना रोज़गार गँवा चुके हैं.” देश भर में, 11,500 अनियमित कामगारों के साथ किए गए एक सर्वे के अनुसार, “लॉकडाउन के दौरान खाद्य उपभोग प्रभावित हुई है. सर्वेक्षित 11,537 में से तीन-चौथाई से भी अधिक लोगों ने बताया कि लॉकडाउन घोषित होने के बाद उनका रोज़गार चला गया. इनमे से क़रीब आधे लोगों ने कहा कि उनकी इस दौरान कोई आय नहीं हुई, 17% लोगों का कहना था कि उन्हें आंशिक वेतन ही प्राप्त हुआ. तक़रीबन 53% लोगों का कहना था कि लॉकडाउन के दौरान उनके क़र्ज़ में इज़ाफ़ा हुआ. क़रीब...
More »मातृ मृत्यु के SDG-3 लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हमें दक्षिणी राज्यों से सीखने की आवश्यकता है
मातृ मृत्यु अनुपात पर जारी नए विशेष बुलेटिन से पता चलता है कि साल 2014-16 में भारत का मातृ मृत्यु अनुपात (MMRatio) 130 मातृ मृत्यु प्रति एक लाख जीवित जन्म था जोकि साल 2015-17 में घटकर 122 मातृ मृत्यु प्रति एक लाख जीवित जन्म हो गया, और यह साल 2016-18 के दौरान घटकर 113 मातृ मृत्यु प्रति एक लाख जीवित जन्म रह गया है. सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एसआरएस) के अनुसार, मातृ...
More »‘सरकार ने आशा कार्यकर्ताओं को मरने के लिए छोड़ दिया है, क्या वे देश की नागरिक नहीं हैं’
-द वायर, देश में कोरोना महामारी के जोखिम के बीच शहरों से लेकर दूरदराज के गांवों तक घर-घर जाकर आंकड़े जुटाने का काम कर रहीं मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता यानी आशा कार्यकर्ताओं ने सरकार की भेदभावकारी नीतियों के खिलाफ बिगुल बजा दिया है. सरकारी नीतियों से खफा इन आशा कार्यकर्ताओं ने अपनी कुछ मांगों के साथ बीते नौ अगस्त को दिल्ली के जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन भी किया था, जिसके...
More »