प्रभात खबर,गिरिडीह जिले के गिरिडीह प्रखंड स्थित अलगुंदा पंचायत की सलमा तरन्नुम पांच किमी दूर लेदा के टिकैत रामेश्वर प्रसाद हाई स्कूल में पढ़ती है. दसवीं कक्षा की सलमा उन किस्मतवाली बच्चियों में शामिल है, जिनको गिरिडीह जिले की हजारों बच्चियों की तरह बालिका वधु नहीं बनना पड़ता. झारखंड के देवघर जिले के बाद गिरिडीह में सर्वाधिक बाल विवाह होता है. यहां लड़कियों की शादी 14 से 17 साल के बीच...
More »SEARCH RESULT
अर्थशास्त्री लॉर्ड मेघनाथ देसाई ने कहा, बंधुआ मजदूर की तरह हैं घर में काम करनेवाले
रांची: प्रसिद्ध अर्थशास्त्री लॉर्ड मेघनाद देसाई ने कहा कि अपने घर में काम करनेवालों (हाउसहोल्ड वर्कर) की स्थिति बंधुआ मजदूरों की तरह है. उनके काम की न तो गिनती होती है और न ही उनको इस काम के बदले मजदूरी मिलती है. अपने घर में काम करनेवालों की स्थिति बाजार में काम करनेवालों से पूरी तरह से अलग है. वह बिना किसी शर्त और भुगतान के काम करते हैं. राष्ट्र के...
More »विकसित राज्यों में घट रही हैं बेटियां-- नई रिपोर्ट
एक नई रिपोर्ट के मुताबिक देश में बाल लिंग-अनुपात बीते एक दशक में घटा है। साल 2001 में देश में बाल लिंग -अनुपात 927 था जो 2011 में घटकर 918 हो गया। मिसिंग गर्ल्स: मैपिंग द एडवर्स चाइल्ड सेक्स रेशियो इन इंडिया नामक इस रिपोर्ट के अनुसार देश के कुल 640 जिलों में से 429 जिलों में बाल लिंग अनुपात में कमी आई है। (देखें नीचे दी गई लिंक). रिपोर्ट के...
More »सामाजिक न्याय की दिशा में अहम पहल
'सामाजिक न्याय पीठ' गठित करने के प्रधान न्यायाधीश एचएल दत्तू के फैसले से गरीब और कमजोर तबकों में नई उम्मीद जगेगी। इससे उन मामलों को तार्किक मुकाम तक पहुंचाने में मदद मिल सकती है, जिनमें सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप किया, लेकिन बात ज्यादा आगे नहीं बढ़ सकी। अब अगले 12 दिसंबर से न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर और न्यायमूर्ति यूसी ललित की नई बेंच हर शुक्रवार को दोपहर बाद बैठेगी और...
More »बिलासपुर घटना से मिले सबक - डा. मनोहर अगनानी
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में नसबंदी ऑपरेशन के दौरान लापरवाही के कारण एक दर्जन से ज्यादा महिलाओं की मौत हो गई। खबरों के मुताबिक औजारों को ठीक से रोगाणुहीन नहीं किया गया था या दवाइयों में कुछ मिलावट के कारण महिलाओं को विषबाधा हुई। प्राथमिक जांच में दूसरा कारण सामने आ रहा है। इस घटना से परिवार नियोजन कार्यक्रम पर प्रश्न-चिह्न लग गया है, जो मीडिया के मुताबिक न तो पारदर्शी...
More »